वाराणसी
राजकीय विद्यालय के छात्रों को दिया गया सीपीआर का प्रशिक्षण
वाराणसी: क्वींस कॉलेज लहुराबीर वाराणसी के सेमिनार हॉल में एक दिवसीय सीपीआर पर कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता व निर्देशन में किया गया।
चिकित्सा अधिकारी डा. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कॉलेज के समस्त छात्रो सहित अध्यापकों के सामने सीपीआर की लाइव प्रस्तुति करते हुए बताया कि कार्डियक अरेस्ट के मरीज के लिए पहला तीन मिनट गोल्डन टाइम होता है। अगर नौ मिनट तक मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिले तो व्यक्ति ब्रेन डेथ का शिकार हो सकता है। समय पर मरीज को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। सीपीआर एक मेडिकल थेरेपी की तरह है। इससे हार्ट अटैक आने पर मरीज को सीपीआर देते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है। सीपीआर तब तक देते रहना चाहिए जब तक एंबुलेंस न आ जाए या मरीज अस्पताल न पहुँच जाये।
प्रशिक्षण के दौरान द्विवेदी ने मानव शरीर की डमी पर सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) करते हुए दिखाया कि सीपीआर के लिए सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है। उसकी नाक और गला चेक कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं है। इसके बाद अपने दोनों हाथों की मदद से विशेष तरीके से एक मिनट में 100 से 120 बार छाती के बीच में तेजी से दबाना होता है। हर एक पुश के बाद छाती को वापस अपनी सामान्य स्थिति में आने देना चाहिए। इससे शरीर में पहले से मौजूद रक्त को हृदय पंप करने लगता है। 30 बार पुश करने के बाद मुंह पर साफ रूमाल रखकर दो बार सांसें दी जाती हैं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह शुरू होता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलने लगती है।
चिकित्साधिकारी डॉ अतुल सिंह ने कार्डियक अरेस्ट होने पर बरती जाने वाले सावधानिओं एवं सीपीआर की बारिकिओं से सबको अवगत कराया।
डॉ संजय राय, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन एक आपातकालीन प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुकने ( कार्डियक अरेस्ट ) होने पर उसकी जान बचाने में मदद कर सकती है। आगामी दिनों में प्रशिक्षित टीम के द्वारा और भी स्कूलों में छात्र और छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
प्रशिक्षण के दौरान डॉ संजय राय , डॉ शिव शक्ति द्विवेदी, डॉ अतुल सिंह सहित कॉलेज प्रधानाचार्य बृजेश कुमार सिंह, अध्यापक दिनेश सिंह, स्वर्ण लता सिंह, फातमा फ़िरोज़ सहित अन्य अध्यापक गण मौजूद थे।
