आजमगढ़
बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ
आजमगढ़। संत निरंकारी मिशन के सत्संग भवन हरबंशपुर, आजमगढ़ (जोन 61) से मीडिया सहायक डॉ. बीरेन्द्र कुमार सरोज ने जानकारी दी कि 25वें बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट (रजत जयंती) का भव्य शुभारंभ संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में किया गया। इस शुभ अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी ने विधिवत उद्घाटन कर इस आयोजन को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया।
यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 26 फरवरी से 12 मार्च, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से 24 बेहतरीन टीमें भाग ले रही हैं। इनमें पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात सहित कई राज्यों की टीमें शामिल हैं। खिलाड़ियों का समर्पण, परिश्रम और अटूट उत्साह श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
सतगुरु माता जी के मार्गदर्शन में इस पूरे आयोजन का संचालन संत निरंकारी मंडल के सचिव आदरणीय श्री जोगिंदर सुखीजा जी के नेतृत्व में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन को लेकर युवाओं में गजब का उत्साह है और बड़ी संख्या में टीमों ने इसमें भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया।
यह आयोजन केवल खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं के चरित्र निर्माण, अनुशासन, आपसी सौहार्द और आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करने का एक सशक्त माध्यम भी है। बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में इस टूर्नामेंट की शुरुआत बाबा हरदेव सिंह जी ने की थी, जिनका यह मानना था कि युवा अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं और समाज व राष्ट्र के विकास में भागीदार बनें।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपने आशीष वचनों में कहा कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं, बल्कि यह सौहार्द, सम्मान और टीम वर्क का संदेश भी देते हैं। इस वर्ष टूर्नामेंट में शामिल सभी 24 टीमों ने आपसी तालमेल, भाईचारे और खेल भावना का अद्भुत परिचय दिया। खिलाड़ियों ने जीत-हार से परे मर्यादा और समर्पण भाव के साथ खेल को खेला और हर मैच की शुरुआत एक-दूसरे को नमन कर की, जिससे संतभाव और खेल भावना का अनूठा संगम देखने को मिला।
इस आयोजन ने यह भी सिद्ध किया कि जब संतभाव, खेल और अनुशासन का मिलन होता है, तो प्रतियोगिता केवल जीतने का जरिया नहीं रहती, बल्कि आत्मिक उत्थान का माध्यम बन जाती है। यहां खिलाड़ी पहले संत हैं और फिर प्रतियोगी, इसलिए सभी ने मर्यादा, सेवा और समर्पण की भावना के साथ खेल का आनंद लिया।
इस आयोजन में संत निरंकारी मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी, श्रद्धालु और अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। टूर्नामेंट के सफल और सुचारू संचालन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए आवास, चिकित्सा सेवाएं, जलपान, सुरक्षा, पार्किंग और आपातकालीन सहायता की सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं, ताकि यह आयोजन पूरी तरह स्मरणीय और व्यवस्थित बन सके।
यह टूर्नामेंट केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का भी स्रोत है। हर शाम आयोजित होने वाले सत्संग कार्यक्रमों के माध्यम से खिलाड़ियों को मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक उत्थान का मार्ग भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे खेल के साथ जीवन मूल्यों को भी आत्मसात कर सकें।
बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट वास्तव में केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह समर्पण, अनुशासन, भाईचारे और आध्यात्मिक चेतना का अद्भुत प्रतीक है, जो खेल के जरिए जीवन के सच्चे मूल्यों को सशक्त करता है।
