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मिर्ज़ापुर

यमलार्जुन उद्धार और वृंदावन की महिमा से गूंजा कथा पंडाल

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हजारों श्रद्धालुओं ने सुनी स्वामी जगदीशानन्द जी महाराज की भावपूर्ण कथा


मड़िहान (मिर्जापुर)। मड़िहान रोडवेज परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पंचम दिवस पर पूज्यनीय स्वामी जगदीशानन्द जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की पावन बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया।

स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की समस्त लीलाएं माधुर्य से परिपूर्ण हैं, जो भक्तों को परम आनंद प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की चेतना का स्तर भिन्न होता है और इसी कारण जीवन में आनंद की अनुभूति नहीं हो पाती। उन्होंने भक्तों को कृष्ण कथा में डूबकर शुद्ध प्रेम की अनुभूति करने का आह्वान किया।

स्वामी जी ने नंद महोत्सव का उल्लेख करते हुए बताया कि नंद जी की दिव्य भावना ऐसी है कि स्वयं ब्रह्मा और शिव भी इस महोत्सव का आनंद लेते हैं। उन्होंने कहा, “जब जीव अपनी इंद्रियों को विषयों की ओर ले जाता है, तभी कलह रूपी कंस और पूतना जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों के उद्धार और दुष्टों के विनाश के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।”

उन्होंने श्रीकृष्ण द्वारा यमलार्जुन का उद्धार और वृंदावन की महिमा का भी वर्णन किया। स्वामी जी ने कहा कि वृंदावन वह धाम है, जहां भक्ति नित्य नृत्य करती है और प्रेम का सागर लहराता है।

कथा श्रवण के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। उनकी आंखों से भक्ति और आनंद के अश्रु झलकने लगे। कथा में हजारों की संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे और महाराज जी के मुखारविंद से निकली कथा का रसास्वादन कर आत्मिक आनंद प्राप्त किया।

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