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वाराणसी

एलजीबीटी+ समुदाय पर आधारित फिल्म स्क्रीनिंग और चर्चा से बढ़ी जागरूकता

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वाराणसी। सिगरा स्थित अस्मिता संस्था में एलजीबीटी+ समुदाय पर आधारित फिल्म स्क्रीनिंग की गई। फिल्म प्रदर्शन के बाद प्रासंगिक व प्रभावशाली चर्चा का आयोजन कर जागरूकता और संवेदनशीलता का प्रसार किया गया। फिल्म 377 एब्नॉर्मल नाम की फिल्म धारा 377 की कहानी पर आधारित है। भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 377 में समलैंगिक और अन्य सेक्स क्रियाओं को अपराध घोषित किया गया था। 2018 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा धारा 377 को खत्म कर दिया गया है। बावजूद इसके समुदाय के लोगों के आपस में विवाह करने, साथ रहने, पसंद करने, मिलने जुलने पर समाज में और प्रशासन के लोगों में समुदाय के प्रति उपेक्षा घृणा, उत्सुकता, आश्चर्य जैसे भाव दिखाई देते हैं।

‘377 अबनॉर्मल’ फिल्म उन सभी हीरोज़ के जिंदगी से प्रेरित है जिन्होंने धारा 377 के खिलाफ याचिका दायर की थी। “मैं वही हूँ जो मैं हूँ। इसलिए मुझे वैसे ही स्वीकार करो जैसा मैं हूँ। कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तित्व से बच नहीं सकता।” ये खूबसूरत संवेदनशील पंक्ति भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को आंशिक रूप से निरस्त करते समय कही थी। इस वक्तव्य के साथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। इस एक आदेश से करोड़ो लोग अपराधी होने के कटघरे से बाइज्जत बरी हो गए थे।

फिल्म स्क्रीनिंग पर चर्चा के कुछ सवालों को ध्यान में रखकर नीति ने बताया कि डायरेक्टर फारुक कबीर ने समुदाय के लोगों के दर्द को जीवंत रूप से स्क्रीन पर दर्शाया है। आज दुनिया समलैंगिक समुदाय की जीत के बारे में जानती है, लेकिन उन्हें कैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा ये कौन जानता है? इन बाधाओं को दिखाने के लिए ये फिल्म एक बेहतरीन कोशिश के रूप में मानी जानी चाहिए।

एड्स रोकथाम और यौन संबंधो में जागरूकता से जुड़े लखनऊ के भरोसा ट्रस्ट पर बेबुनियाद आरोपों और संचालक आरिफ के पुलिसिया उत्पीड़न की दास्तान त्रासद है। एक यौन जागरूकता के लिए काम करने वाले मनुष्य को सेक्स रैकेट चलाने वाला बतलाना और सजा देना गलत है। ‘377 एबनॉर्मल’ इस बात का ध्यान रखती है कि दर्शक के दिमाग पर बोझ न डाले। इसके बजाय निर्णय और तथ्यों को भावपूर्ण तरिके से दिखाया गया है। फिल्म में तन्वी आज़मी, जीशान अय्यूब और कुमुद मिश्रा आदि सशक्त कलाकारों ने दमदार अदाकारी की है। कार्यक्रम का संचालन अनुराग और स्वागत आसना ने किया। अस्मिता संस्था, YP फाउंडेशन, साझा संस्कृति मंच प्रिज्मैटिक फाउंडेशन और बनारस क्वीयर प्राइड से लोगों की उपस्थिति रही ।

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