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वाराणसी

Varanasi: मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम, माता जानकी की आरती उतारकर मानवीय एकता का दिया संदेश

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रिपोर्ट – मनोकामना सिंह

वाराणसी। जहां ईरान में मुस्लिम महिलाएं हिजाब से मुक्ति का आन्दोलन चला रही हैं और उन्हें गोलियों से भुना जा रहा है, रूस और यूक्रेन युद्ध ग्रस्त है और भारत में जिहाद के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही है। ऐसे में काशी की मुस्लिम महिलाओं ने विश्व को मानवीय एकता और शांति का संदेश देने के लिए सृष्टि संचालक भगवान श्रीराम एवं जगत जननी माता जानकी की आरती सुभाष भवन, इन्द्रेश नगर, लमही में उतारी।

विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में विश्व प्रसिद्ध मुस्लिम महिलाओं की राम आरती का आयोजन किया गया। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में जुटीं हिन्दू–मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम प्रार्थना एवं श्रीराम आरती का गायन किया। सजावटी थाली में मिट्टी के दीपक से प्रभु राम की आरती की गई। प्रभु श्रीराम के नाम का उद्घोष हुआ और राम नाम के दीपक से हिंसा और नफरत के अंधकार को दूर करने का संदेश दुनियां को भेजा गया।

मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम और जगत माता जानकी से मन्नत मांगी कि-

  1. ईरान की मुस्लिम महिलाओं को हिजाब की गुलामी से मुक्ति मिले। ईरान के लोग अपने जड़ों की ओर लौटें, मुस्लिम बेटियों को जीने का अधिकार मिले।
  2. आदि विश्वेश्वर मन्दिर परिसर औरंगजेब के कलंक से मुक्त हो और स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग पर शीघ्र पूजा अर्चना शुरू हो।
  3. रूस और यूक्रेन की जंग खत्म हो दुनियां रामराज्य की ओर बढ़े। भारत भूखंड में रहने वाले सभी भारतीय मूल के लोग अपने जड़ों की ओर लौटें, इससे रिश्ता मजबूत होगा और एक दूसरे से भावनात्मक सम्बन्ध विकसित होंगे।
  4. समस्त भारत भूखण्ड के लोग अपने पूर्वजों, परम्पराओं, मातृभूमि और पूर्वजों के भगवान से जुड़कर अपने जड़ों से जुड़ें।

इस अवसर पर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी ने कहा कि धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते है, न मातृभूमि और न ही पूर्वजों के भगवान राम। जब तक हमारे पूर्वज भगवान राम के नाम से जुड़े थे तब तक दुनियां में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। अब लोग शक की दृष्टि से देखते हैं। हम जड़ों से जुड़े रहेंगे तो हमारा सम्मान बना रहेगा। भारतभूमि सनातनी परम्पराओं की सदियों से है। यहां जो भी है सभी हिन्दू और सनातनी संस्कारों के ही हैं। राम के नाम से दुख दरिद्रता दूर होगी, रामराज्य से विश्व शांति की ओर जाएगा। अरबी देशों में भगवान राम का मंदिर बने तो वहां के लोगों की इज्जत भी बढ़ेगी और धर्म के नाम पर हो रही हिंसा खत्म होगी। पूर्वजों और परंपराओं से हमें कोई अलग नहीं कर सकता।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरूजी ने कहा कि पाकिस्तान में लोग बेचैन हैं, अपनी पुरानी जाति की तलाश कर रहे हैं। नफरत और हिंसा पर बना देश टूट जाएगा और जल्द ही अपने पुराने देश में वापसी करेगा। मुस्लिम महिलाओं की राम आरती विश्व को राम पथ पर चलने का संदेश दे रही है। जो राम की शरण में आएगा, वही नफरत और हिंसा से मुक्ति पायेगा। राम मुक्ति मार्ग हैं, राम की शिक्षाओं को दुनियां के देशों को अपनाना चाहिए। हर गांव तक भगवान राम और उनके तीनों भाइयों के बारे में लोग पढ़े तो परिवार बचेगा और राष्ट्र मजबूत होगा। विश्व में स्थायी शांति आएगी। मुस्लिम महिलाओं का प्रयास मील का पत्थर है। जो हमेशा याद रखा जाएगा।

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इस अवसर पर नजमा परवीन, नगीना, नाजिया, शबनम, शबीना, तहमीना, नजराना, नगीना, शम्सुननिशा, नाजमा, सैमुननिशा, मुन्नी, जुबैदा, शहजादी, अजमती, रबीना, रूखसाना, हदीसुन, रशीदा, शहीदुन, अर्चना भारतवंशी, डा० मृदुला जायसवाल, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, सरोज, पूनम, गीता, रमता आदि महिलाओं ने भाग लिया।

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