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वाराणसी

निजीकरण पर असमंजस, कार्रवाई पर आपत्ति

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वाराणसी। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले के बाद कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। निगम द्वारा समायोजन का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने इसे वास्तविकता से परे बताया है।

संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर गोपाल वल्लभ पटेल ने स्पष्ट किया कि निजीकरण के बाद निगम में कार्यरत जूनियर इंजीनियर और अन्य कर्मियों की नौकरियां खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति कर्मचारियों के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है।

इस बीच, सोमवार को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन और विद्युत मजदूर पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने प्रबंध निदेशक शंभू कुमार और निदेशक कार्मिक आर.के. जैन से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने संविदा कर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर विरोध जताया।

मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय ने बताया कि 30 नवंबर को भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर पर एक आपात बैठक बुलाई गई थी, जिसे प्रबंधन ने धरना मानकर संविदा कर्मियों पर कार्रवाई की। हालांकि, प्रबंध निदेशक और निदेशक कार्मिक ने कार्रवाई समाप्त करने का आश्वासन दिया है।

अंकुर पांडेय ने आगे कहा कि पांच दिसंबर को वाराणसी में एक पंचायत आयोजित की जाएगी और छह दिसंबर को इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।

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