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वाराणसी

श्री कृष्ण उत्सव सेवा समिति एवं वाराणसी केराना व्यापार समिति द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का तृतीय दिवस

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

नारद नाम से नारायण नाम के रहस्य का दर्शन
वाराणसी। श्री कृष्ण उत्सव सेवा समिति एवं वाराणसी केराना व्यापार समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत का चिन्तामणी बाग, रामकटोरा में प्रख्यात कथा वक्ता लक्ष्मीमणी शास्त्री ने कथा के तीसरे दिन नारद नाम में नारायण के रहस्य का खुलासा करते हुए बताया कि ‘ना’ का अर्थ नारायण, ‘र’ का अर्थ रहस्य और ‘द’ का अर्थ दर्शन । नारद द्वारा कही गई बात कभी ना रद्द या व्यर्थ हो, हर बात सत्य हो । कथा में अर्जुन की पुत्रवधू उत्तरा के गर्भ का भगवान कृष्ण द्वारा रक्षा करना, पांडवों पर आई हर विपत्ति से हमेशा रक्षा करते हुए उनके वंश की रक्षा हेतु जब मुनि पुत्र द्वारा सात दिन के अन्दर तक्षक नाग द्वारा काटने पर मृत्यु होने की बात पता चलते ही भगवान कृष्ण ने सुकदेव महाराज के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा सुनाने का आग्रह करते हुए गंगा तट पर जन कल्याणार्थ, जीवन को मुक्ति प्रदान करने वाली महापुराण श्रीमद् भागवत की कथा प्रारम्भ होने की बात सुनाई । अर्थात् जो भगवान पर पूर्ण रूप से आश्रित होकर उनका भरोसा करता है, भगवान सदैव उनका कल्याण करते हैं।
इसके अलावा व्यास जी ने कथा में ध्रुव चरित्र, उनके भक्ति का वर्णन, माँ अनुसूइया, जड़ भरत की कथा, अजामिल चरित्र, मरुदगण जन्म सुनाते हुए भक्त प्रहलाद की प्रभु प्रेम भक्ति के अनोखे रूप का दर्शन कराया। कथा बहुत सुन्दर एवं मनमोहक व मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत कर भक्ति की गंगा प्रवाहित किये।
कथा के अन्त में मुख्य यजमान गणेश प्रसाद कसेरा एवं केदारनाथ ‘झल्लू’, पप्पू लाल बुद्धूलाल, सुरेश क्षत्रीय, विनोद कसेरा, अनिल कसेरा, सोनू कसेरा, अमन, राजू कसेरा सहित ग्यारह विशिष्ट जनों द्वारा सुंदर आरती की गयी। आज की प्रसाद सेवा केदारनाथ ‘झल्लू’, बुद्धूलाल कसेरा व घनश्याम कसेरा द्वारा की गयी।
कथा के अन्त में सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया गया।
आगन्तुक जनों का स्वागत एवं सत्कार वेद प्रकाश मिश्रा (कलाधर) ने किया।

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