वाराणसी
दुष्कर्म मामले में आरोपित को जमानत से इंकार
वाराणसी। घर में घुसकर युवती से दुष्कर्म करने और उसका अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने के आरोपित को न्यायालय से राहत नहीं मिली। फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) के न्यायाधीश कुलदीप सिंह ने जैतपुरा थाना क्षेत्र निवासी अरशद महमूद अंसारी की जमानत प्रार्थना पत्र को मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए खारिज कर दिया। वादिनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, नरगिस बानो और संदीप यादव ने पैरवी की।
अभियोजन के मुताबिक पीड़िता ने 1 नवंबर 2025 को जैतपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप है कि पढ़ाई के समय से ही पड़ोस में रहने वाला अरशद महमूद अंसारी उसे लगातार परेशान करता रहा। एक अवसर पर उसने पीड़िता को प्रेम जाल में फंसाकर उसके घर बुलाया और उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म कर इसका वीडियो बना लिया। विरोध करने पर आरोपित ने वीडियो इंटरनेट पर डालने की धमकी दी, जिसके चलते वह डर के कारण किसी को कुछ नहीं बता पाई।
शिकायत के अनुसार इसी के बाद आरोपित की हरकतें और बढ़ गईं। वह धमकी भरे पत्र देने लगा और अश्लील व्यवहार करता रहा। जुलाई 2024 में जब पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की तो थाने में उसके द्वारा लिखित माफीनामा दिया गया कि भविष्य में वह किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करेगा और वीडियो भी डिलीट कर देगा। इसके बावजूद उसने वीडियो एक अन्य मोबाइल में सुरक्षित रखा।
आरोप यह भी है कि जब पीड़िता का विवाह तय हुआ तो आरोपित ने उसका अश्लील वीडियो ससुराल पक्ष को दिखाकर रिश्ता तुड़वा दिया। इस बीच, 17 अक्टूबर 2025 की रात करीब 8 बजे जब पीड़िता घर पर अकेली थी, आरोपित ने उसके घर में घुसकर उसके कपड़े फाड़े, उसे निर्वस्त्र किया और दुष्कर्म किया। विरोध करने पर वह अपहरण और हत्या की धमकी देने लगा। इसके बाद पीड़िता ने भयभीत होकर जैतपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
