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वाराणसी

कोविड प्रोटोकॉल के साथ मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

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  • “गर्भवती समय से कराएं प्रसव पूर्व जांच” – सीएमओ
  • प्रसव पूर्व जांच के साथ-साथ परिवार नियोजन परामर्श भी जरूरी
  • स्वस्थ व संतुलित खान-पान के साथ आयरन की गोली लेने की दी सलाह
    वाराणसी|
    जनपद में हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस बुधवार को मनाया गया । जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीएमएसएमए दिवस कोरोना प्रोटोकॉल व कोविड अनुकूलन व्यवहार को ध्यान में रखकर मनाया गया।
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर पीएमएसएमए दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों पर आईं गर्भवती की महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव पूर्व सभी जाँचें, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफ़लिस, हीमोग्लोबिन व पेट से जुड़ी अन्य जांच की निःशुल्क सुविधा दी गई। इसके साथ ही नव दंपति व परिवार नियोजन लाभार्थियों को स्वस्थ परिवार-खुशहाल परिवार के लिए परामर्श भी दिया गया।
    कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, गर्भवती की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच एवं उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए पीएमएसएमए दिवस प्रत्येक माह की नौ तारीख को मनाया जाता है। दिवस पर चिकित्सालय पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा प्रसव पूर्व जांच की गयी। जांच के बाद उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित किया गया और उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित किया गया एवं निःशुल्क दवा, आवश्यक चिकित्सीय व पोषण परामर्श भी दिया गया। उन्होने बताया कि उन्हें स्वस्थ एवं संतुलित खान-पान, आयरन की गोली खाने की सलाह भी दी गई। इसके साथ ही केंद्र पर गर्भवती के लिए सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था भी की गयी थी ।
    एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एके मौर्या ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही सजग रहने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्हें संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए जिससे गर्भस्थ शिशु को भी बेहतर आहार मिलता रहे । इसके साथ ही गर्भवती को प्रसव पूर्व सभी जाँचे (कम से कम चार) अवश्य करानी चाहिए जिससे उन्हें उपयुक्त चिकित्सीय परामर्श मिलता रहे। गर्भावस्था के दौरान कम से कम 180 आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए ताकि रक्त अल्पता की बीमारी को दूर किया जा सके।
    डॉ मौर्य ने बताया कि दिवस के दौरान यदि किसी गर्भवती में कोई गंभीर लक्षण जैसे तेज बुखार, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखना, त्वचा का पीलापन होना, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, योनि से रक्तस्राव, हाथ पैरों या चेहरे पर सूजन, भ्रूण का कम हिलना या निकलना आदि दिखते हैं तो उन्हें उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की श्रेणी में रखा जाता है, जिससे उच्च स्वास्थ्य इकाइयों पर प्राथमिकता के आधार चिकित्सीय सुविधा दी जा सके और सुरक्षित प्रसव कराया जा सके ।
    जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर सहित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कुल 3,951 गर्भवती की प्रसव पूर्व देखभाल (एएनसी) जांच में 612 महिलाओं को एचआरपी के लिए चिन्हित किया गया।
    आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में 135 सुरक्षित प्रसव – प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ वाईबी पाठक ने बताया कि आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में पीएमएसएमए के तहत अप्रैल 2021 से लेकर अभी तक करीब 343 महिलाओं को एचआरपी के लिए चिन्हित किया गया। इनमें से 135 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है। शेष महिलाओं को उपचार पर रखा गया है और एएनएम व आशा कार्यकर्ता लगातार फॉलो अप कर रही हैं। इसके साथ ही उन्हें खानपान व साफ सफाई के लिए विशेष परामर्श दिया जा रहा है।
    लाभार्थियों ने सराहा – सेवापुरी पीएचसी पर बुधवार को पहुंची रेणु ने बताया कि आज उन्होने गर्भावस्था की चौथी प्रसव पूर्व जांच करवाई। डॉक्टर ने बताया कि मेरा ब्लड प्रेशर व हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य है। खान-पान पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। एक अन्य रंजना ने बताया कि आशा कार्यकर्ता की मदद से मैंने केंद्र पर आज चौथी प्रसव पूर्व जांच कराई। ब्लड प्रेशर सामान्य से थोड़ा कम है इसलिए विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है ।

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