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वाराणसी

छेड़खानी और मारपीट के मामले में दो भाइयों को मिली जमानत

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वाराणसी में आशा कार्यकत्री से छेड़खानी और मारपीट के मामले में फंसे दो सगे भाइयों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रभारी अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट (अष्टम) मनीष कुमार की अदालत ने बड़ेहवां, मिर्जामुराद के निवासी आकाश गौड़ और दीपक उर्फ प्रभु को 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और नितेश सिंह ने अदालत में पैरवी की।

यह मामला 1 जून 2023 का है जब बड़ेहवां गांव के निवासी सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी निशा मिश्रा, जो एक आशा कार्यकत्री हैं, और एक अन्य महिला निरमा के साथ बच्चों को पोलियो की खुराक दे रहे थे। यह काम गांव के चौरा माता मंदिर के पास हो रहा था। अभियोजन के अनुसार, उसी समय गांव के कुछ लोग, जिनमें जीवननाथ गौड़, आकाश गौड़, विकास कुमार, बल्ली, दीपक उर्फ प्रभु, बजरंगी, रामलाल, सीरी गौड़, अश्वनी मिश्रा, कमलेश मिश्रा, ओमप्रकाश मिश्रा और सुजीत कुमार मिश्रा शामिल थे, शराब के नशे में वहां पहुंचे।

शिकायतकर्ता के अनुसार, इन लोगों ने मौके पर पहुंचते ही गाली-गलौज शुरू कर दी और लात-घूसों से मारपीट करने लगे। बीच-बचाव करने पर आरोपियों ने निशा मिश्रा से छेड़खानी की, उनकी साड़ी फाड़ दी और पोलियो ड्रॉप्स का बॉक्स व टैली सीट जमीन पर फेंक दी। शोर सुनकर जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सभी आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से फरार हो गए।

इस मामले में पीड़ित ने अदालत में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद पुलिस ने जांच कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। अब अदालत ने दोनों भाइयों को जमानत देकर रिहा करने का आदेश दिया है।

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