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वाराणसी

“कर्तव्यों व दायित्वों के प्रति जागने और जगाने का पर्व है देवोत्थान एकादशी “

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देवोत्थान एकादशी पर नमामि गंगे ने अस्सी घाट पर तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह व आरती कर रोगों से मुक्ति की कामना की। अस्सी घाट पर बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने तुलसी के पौधे लेकर पुण्यलाभ लिया। इसके साथ ही नमामि गंगे की टीम ने घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को तुलसी का पौधा देकर पर्यावरण संरक्षण एवं गंगा स्वच्छता के लिए भी संकल्पित किया। इस दौरान नमामि गंगे टीम ने गंगा तट पर फैली गंदगी को साफ किया और लोगों को घाटों पर गंदगी न करने के लिए प्रेरित किया।  संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि देवोत्थान एकादशी का पर्व हमें धर्म के साथ कर्म का अवसर प्रदान करता है। भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने का यह पर्व एक प्रकार से अपने कर्तव्यों व दायित्वों के प्रति जागने और जगाने का पर्व है। भगवान के जागने से सृष्टि में सकारात्मक शक्तियों का संचार होने लगता है।

तुलसी पूजन की परंपरा भी वैज्ञानिक पक्ष को ही पुष्ट करती है। कफ जनित रोगों के शमन में तुलसी रामबाण जैसा असर रखती है। इस मौसम विशेष में तुलसी का सेवन सर्वाधिक लाभकारी माना गया है। इस दौरान प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर संयोजक शिवदत्त द्विवेदी,  महानगर सहसंयोजक रामप्रकाश जायसवाल, महानगर सहसंयोजक शिवम अग्रहरी,  सीमा चौधरी, सारिका गुप्ता, रश्मि साहू, पुष्पलता वर्मा ,रंजीता गुप्ता ,घनश्याम गुप्ता , शांभवी मिश्रा, रेनू जायसवाल,पूनम मिश्रा, सरस्वती मिश्रा ,  आदि उपस्थित रहे ।

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