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अपराध

वाराणसी में हुक्का बार पर शख्त हैं कमिश्नरेट, वहीं सराईपाली पुलिस ने किया सेक्स रैकेट का भंडाफोड़

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वाराणसी में हुक्‍का बार चलाये जाने की शि‍कायत के बाद वाराणसी कमि‍श्‍नरेट पुलि‍स एक्‍शन मोड में है। पिछले हफ्ते चेतगंज, सि‍गरा, लंका और चि‍तईपुर थाना क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाकर जबरदस्‍त चेकिंग की गयी। जिसका परिणाम रहा कि चेतगंज पुलिस ने तेलियाबाग जंगल कैफे एवं काशी रेस्टुरेंट में छापेमारी कर अवैध रुप से संचालित हुक्का बार चलाने वाले दो संचालकों समेत चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।

उल्लेखनीय है कि हुक्का बार में नशीले फ्लेवर की लत के शिकार स्कूल-कॉलेज के युवकों को इस दलदल में धकेला जाता है। कई बार देखा गया है कि ये हुक्का बार कॉल गर्ल के सप्लाई के अड्डे के रूप में कार्य करते हैं। चिंता की बात यह है कि इस धंधे के कस्टमर्स न केवल सफेद पोश हैं बल्कि अपना भविष्य संवारने वाले प्रतिभाशाली छात्र भी हैं। यही नहीं इस धंधे में कई बड़े परिवारों की लड़किया भी कॅरियर बनाने को लेकर आमादा हैं।  

शनिवार को छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद के सराईपाली पुलिस ने सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। जिसमें 4 युवतियां और 2 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सरायपाली पुलिस बीती रात्रि गश्त कर रही टीम ने देर रात करीब 3 बजे सरायपाली-सारंगढ़ पर बसे ग्राम बोंदा में सड़क से हटकर कुछ संदिग्धों को देखा। मामले में शंका होने पर जब पुलिस टीम ने रात के अंधेरे में एक घर पर छापा मारा तो वहां पर आरोपी विनोद श्रीवास (36) निवासी बोंदानवापाली, खगेश्वर साहू (32) निवासी बोंदानवापाली को तीन लड़कियों के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ा गया।

पूछताछ में बताया गया कि उक्त दोनों आरोपी लंबे समय से बाहर से लड़कियों को बुलाकर क्षेत्र में सेक्स रैकेट का धंधा चलाते हैं। तीनों युवतियों की उम्र 20-22 वर्ष की बताई जा रही है। रायपुर निवासी होना बताया जा रहा है। थाना प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि पांचों आरोपियों के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। इस छापेमारी कार्रवाई के दौरान एसआई विजय मिश्रा, आरक्षक अनिल मांझी, सैनिक संजू यादव शामिल रहे। पुलिस द्वारा जिस्मफरोशी के धंधे से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद एक बड़े सेक्स रैकेट की खुलासा होने की संभावना जताई है।

जिले में पीटा एक्ट लागू नहीं होने से सेक्स रैकेट के तहत पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ पुलिस बड़ी कार्रवाई नहीं कर पाती। उनके खिलाफ महज धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करनी पड़ती है। जिस कारण आरोपी जमानत मिलने पर फिर से धंधे में लिप्त हो जाते हैं। वहीं पीटा एक्ट लागू कराने की मांग लोगों ने की है। सभी के विरुद्ध धारा 151 व धारा 107,116 (3) पंजीबद्ध कर सभी आरोपियों को न्यायालय पेश किया गया।

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