धर्म-कर्म
श्रीकृष्णजन्माष्टमी पर वैश्विक शांति के लिए आदि केशव की उतारी आरती, लगाया माखन मिश्री का भोग

विश्व में शांति एवं भाईचारा, सुख एवं समृद्धि की कामना से दुनिया भर को समतामूलक समाज का संदेश देने वाले भगवान श्री कृष्ण के जन्मोसव पर सोमवार को नमामि गंगे ने काशी के प्रमुख व प्राचीन विष्णु तीर्थ आदि केशव घाट पर स्थित भगवान आदिकेशव की आरती उतारी ।

प्रेम समत्व की बंसी बजाने वाले आदि केशव विष्णु की मूर्ति के समक्ष माखन मिश्री का भोग लगाकर लोक मंगल की कामना की गई। स्कंद पुराण व काशी खंड में वर्णित आदि केशव, ज्ञानकेशव, पंचदेवता और संगमेश्वर महादेव का विश्व शांति के लिए विधिवत पूजन किया गया ।
श्री कृष्ण को प्रिय तुलसी जी के पौधे का वितरण कर पर्यावरण संरक्षण के लिए अपील की गई। इस दौरान आदि केशव का मंदिर परिसर ओम् जय जगदीश हरे, आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, बाजे रे मुरलिया बाजे, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा जैसे मधुर भजनों से गूंजता रहा।
नमामि गंगे ने भगवान श्रीकृष्ण के समग्र जीवन और उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारने का आवाह्न किया । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि शरीर में कंस का अर्थात् अहंकार का राज्य न रहे अपितु श्री कृष्ण की प्रेम, समत्व की बंसी बजे । हर परिस्थिति में समता, प्रसन्नता हो यही जन्माष्टमी का संदेश है । भगवान कृष्ण ने प्रदूषण रूपी कालिया नाग का दहन कर माता की तरह हितकारिणी नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने का संदेश दिया है ।
आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला आदि केशव मंदिर के महंत पं० विनय कुमार त्रिपाठी, महानगर सहसंयोजक सारिका गुप्ता, भावना त्रिपाठी, संजय गुप्ता, नंदलाल, पिंकी आशुतोष सिंह एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे ।