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वाराणसी

वाराणसी : टीम मोदी में वैश्य, ब्राह्मण- भूमिहार और ओबीसी के 10 नेता, गुजरात और राजस्थान के नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी

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काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव की कमान 10 वैश्य, ब्राह्मण, भूमिहार और ओबीसी नेता संभाल रहे हैं। सब अलग-अलग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। कोईपूर्वांचल से है तो कोई पश्चिमी उत्तर प्रदेश से और बुंदेलखंड से। गुजरात और राजस्थान के नेता को अहम जिम्मेदारी मिली है। खास बात यह है कि भाजपा संगठन के लिहाज से महत्वपूर्ण काशी प्रांत, गोरखपुर प्रांत, कानपुर प्रांत, पश्चिमी यूपी और अवध प्रांत को प्रतिनिधित्व दिया गया है।

सुनील बंसल राष्ट्रीय महामंत्री हैं। यूपी में काम करने का लंबा अनुभव है। 2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा, 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश महामंत्री संगठन का काम देख रहे थे। वह मोदी और शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ने के एलान के बाद बंसल करीब दस बार काशी आ चुके हैं। इन दिनों भी काशी में हैं। रोज दस से ज्यादा बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। बंसल वैश्य समाज से आते हैं।

सतीश द्विवेदी यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं। 2017 के चुनाव में जीतकर विधायक, फिर मंत्री बने, लेकिन 2022 का चुनाव हार गए। अब संगठन में सक्रिय हैं। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के चुनाव प्रभारी हैं। मार्च 2024 से ही जिले में कैंप कर रहे हैं। बूथ प्रबंधन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। जनसभा, रोड शो और छोटी-छोटी बैठक भी करा रहे हैं। ब्राह्मण समाज से आते हैं।

हंसराज विश्वकर्मा भाजपा के जिलाध्यक्ष और एमएलसी हैं। पीएम के करीबी माने जाते हैं। ओबीसी मतदाताओं के बीच अच्छी पकड़ है। संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया। जिलाध्यक्ष का तीसरा कार्यकाल भी दिया। वह वाराणसी के रहने वाले हैं।

अरुण पाठक कानपुर से आए हैं। संघ का करीबी माना जाता है। तीसरी बार एमएलसी बने हैं। शिक्षक नेता हैं। वाराणसी क्षेत्र के शिक्षकों को साधने में लगे हैं। पन्ना प्रमुखों से समन्वय बनाकर मतदान फीसदी बढ़ाने में लगे हैं। ब्राह्मण हैं। बुंदेलखंड से आते हैं।

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सुरेंद्र नारायण मोदी के चुनाव संयोजक हैं। भूमिहार समाज से आते हैं। वाराणसी के रोहनिया से विधायक रह चुके हैं। यह विधानसभा वाराणसी संसदीय सीट का हिस्सा है। भूमिहार और कुर्मी बहुल है।

दिलीप पटेल भाजपा काशी प्रांत के क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं। जिला और महानगर इकाई से समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। जनसभा, रोड शो और डोर टू डोर अभियान इनके जिम्मे हैं। वह मिर्जापुर के रहने वाले हैं। ओबीसी समाज से आते हैं।

जगदीश पटेल गुजरात में भाजपा विधायक हैं। छह महीने से वाराणसी में हैं। वह प्रधानमंत्री का चुनाव प्रबंधन देख रहे हैं। पटेल को अमित शाह का करीबी माना जाता है।

अश्वनी त्यागी वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में कार्यक्रमों को सफल बनाने की जिम्मेदारी हैं। जो काम सुनील ओझा का था, वही अश्वनी देख रहे हैं। इनकी पश्चिमी यूपी में मजबूत पकड़ है। ब्राह्मण हैं।

रत्नाकर गुजरात के प्रदेश महामंत्री संगठन हैं। गोरखपुर प्रांत के साथ ही काशी प्रांत के क्षेत्रीय महामंत्री संगठन का दायित्व निभा चुके हैं। अब मोदी के चुनाव का प्रबंधन देख रहे हैं। वह सुनील बंसल के साथ काशी में ही प्रवास कर रहे हैं। वह देवरिया के रहने वाले हैं। ब्राह्मण समाज से आते हैं।

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विद्यासागर राय वाराणसी इकाई के महानगर अध्यक्ष हैं। महानगर क्षेत्र में ही मोदी के संसदीय क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा पड़ता है। बूथ स्तरीय मैनेजमेंट और बैठकों में भूमिका अहम है। कोर टीम का हिस्सा हैं।

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