वाराणसी
रेलवे प्रशासन ने धूमधाम से मनाया बिरसा मुंडा जयंती

रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
वाराणसी ; मंडल रेल प्रबंधक रामाश्रय पाण्डेय के निर्देशन में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के राजभाषा ग्रन्थालय में जनजातीय गौरव दिवस एवं धरती आबा बिरसा मुण्डा की जयंती धूमधाम से मनाई गई इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कर रेल कर्मचारियों को बिरसा मुण्डा से जुड़ी रोचक घटनाओं से परिचित कराया गया । इस कार्यक्रम में मंडल कार्मिक अधिकारी विवेक मिश्रा,सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी आनंद कुमार,मुख्य हित निरीक्षक राहुल भट्ट एवं कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधि एवं भारी संख्या में जनजातीय कर्मचारी उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मंडल कार्मिक अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया की भारत सरकार ने विगत वर्ष 10 नवम्बर,2021 को जनजातीय नायक एवं स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुण्डा की जयंती को एक जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति के रूप में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने का प्रस्ताव पारित किया था । आज 15 नवंबर बिरसा मुंडा की जयंती है जिन्हें देश भर के जनजातीय समुदाय भगवान के रूप में सम्मान् देते हैं । बिरसा मुंडा देश के एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी,समाज सुधारक और जनजाति नायक थे जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और उन्होंने जनजातियों से विद्रोह का आवाहन किया तथा जनजाति आंदोलन को संगठित करने के साथ नेतृत्व प्रदान किया उन्होंने जनजातियों को अपनी संस्कृति जड़ों को समझने और एकता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया ।
जनजाति स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए वाराणसी मंडल पर आज जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है जनजातीय गौरव दिवस के राष्ट्रव्यापी समारोह में वाराणसी मंडल पर स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान विषय पर कर्मचारियों के बिच एक वाक एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । इस दौरान जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की देश के लिए दिए गए बलिदान को रेखांकित करते हुए बिरसा मुण्डा एवं वीर जनजातीय नायकों के योगदान पर प्रकाश डाला गया ।
उक्त प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी आनंद कुमार द्वारा सम्मानित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि बिरसा मुंडा देश के एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और श्रद्धेय जनजातीय नायक थे, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने जीवनकाल में ही एक महान व्यक्ति बन गए। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा बिरसा मुंडा का जीवन दर्शन हम सभी लोगों को एक सीख देता है, कि किस प्रकार से बिरसा मुंडा ने जनजातियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने और एकता का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस प्रकार के कार्यक्रमों से आने वाली पीढ़ियों को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के देश के लिए दिए गए बलिदान की याद दिलाती रहेंगी जिससे उनकी विरासत को आगे बढ़ाने और जनजातीय संस्कृति, कला व समृद्ध जनजातीय विरासत का संरक्षण करने के लिए आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।