गाजीपुर
जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बताया गर्व का क्षण

बहरियाबाद (गाजीपुर)। भारत सरकार द्वारा 7 मई, 2025 को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बहरियाबाद क्षेत्र में देशभक्ति की भावना चरम पर है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों ने इस सैन्य अभियान को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम बताते हुए भारत की सुरक्षा नीति में नए युग की शुरुआत बताया है।
डा. निसार अहमद, पूर्व ग्राम प्रधान, आरजी कस्बा स्वाद, बहरियाबाद ने ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह अभियान भारतीय महिलाओं के सम्मान में एक गौरवशाली पहल रहा। भारत सरकार ने सही समय पर उचित कदम उठाकर यह सिद्ध किया है कि हमारे देश में ‘सिंदूर’ की रक्षा सर्वोपरि है।” उन्होंने कहा कि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अब वैश्विक मान्यता मिल रही है।
प्रधानाचार्य राघवेंद्र प्रताप सिंह, लघु माध्यमिक विद्यालय, चक फरीद, बहरियाबाद ने कहा, “भारतवर्ष की शान के लिए यहां का हर नागरिक बलिदान देने को तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा कदम था जो आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए उठाया गया और इसमें सफलता भी प्राप्त हुई।”
विनोद सिंह यादव, प्रधान प्रतिनिधि, ग्राम सभा नादेपुर एवं शिक्षक, चक फरीद विद्यालय ने कहा, “यह सचमुच एक ऐतिहासिक अभियान था जिसमें पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया। भारत सरकार के इस निर्णय की पूरे देश में सराहना हो रही है। यह सिद्ध हो गया कि भारतवर्ष अब किसी से कम नहीं है।”
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि और रणनीतिक स्वरूप
उल्लेखनीय है कि यह ऑपरेशन 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था।
ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों से अत्याधुनिक मिसाइलों—एससीएएलपी, हैमर बम और ब्रह्मोस—का प्रयोग किया। कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें से 4 पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और 5 पीओजेके में स्थित थे। खास बात यह रही कि भारतीय विमानों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया, जिससे संघर्ष की तीव्रता को रोका गया।
स्वदेशी ताकत का प्रदर्शन
ऑपरेशन में भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीकों का बेहतरीन उपयोग कर यह संदेश दिया कि आत्मनिर्भर भारत अब सैन्य शक्ति के मामले में भी अग्रणी है। आकाश मिसाइल, डी-4 एंटी ड्रोन सिस्टम और स्काईस्ट्राइकर जैसे हथियारों ने भारत की रक्षा क्षमताओं को वैश्विक मंच पर स्थापित किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और प्रधानमंत्री का संदेश
पाकिस्तानी विरोध के बावजूद, भारत सरकार ने इस कार्रवाई को ‘केंद्रित और गैर-आक्रामक’ करार दिया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, जिसके बाद 11 मई को भारत और पाकिस्तान ने सैन्य गतिविधियाँ रोकने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति में निर्णायक मोड़ है। अब हर आतंकी जानता है कि हमारी बहनों-बेटियों के सिंदूर को छूने की कोशिश का अंजाम क्या होगा।”