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वाराणसी

मेयर से अभद्रता के आरोपी सात पार्षदों को कोर्ट से मिली जमानत

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वाराणसी नगर निगम की मिनी सदन बैठक में 2018 में हुए हंगामे और तोड़फोड़ के मामले में नामजद पार्षदों और पूर्व पार्षदों को कोर्ट से राहत मिल गई है। इन पार्षदों पर मेयर से अभद्रता करने, सदन में हंगामा करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप लगे थे।

फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दी जमानत

फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) के जज सुनील कुमार की अदालत ने पूर्व पार्षद प्रशांत सिंह उर्फ पिंकू, कमल पटेल, सीताराम केशरी, रियाजउद्दीन, मोहम्मद सलीम, अफजाल अंसारी और मनोज यादव को जमानत दे दी। अदालत ने आदेश दिया कि यदि इनकी गिरफ्तारी होती है, तो प्रत्येक आरोपी को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र जमा करने पर रिहा किया जाएगा।

क्या था पूरा मामला?

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24 मार्च 2018 को नगर निगम की कार्यकारिणी समिति के 12 सदस्यों के चुनाव के लिए चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल भवन में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान दशाश्वमेध वार्ड के पार्षद नरसिंह दास ने शोक प्रस्ताव रखते हुए बैठक स्थगित करने की मांग की। हालांकि, कुछ पार्षद चुनाव तत्काल कराने पर अड़ गए।

महापौर के विरुद्ध नारेबाजी और तोड़फोड़

बैठक के दौरान प्रशांत सिंह उर्फ पिंकू, अविनाश यादव (विक्की), कमल पटेल, सीताराम केशरी, अंकित यादव सहित कई पार्षदों ने अध्यक्षासन पर चढ़कर महापौर के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि इन लोगों ने टेबल-कुर्सी पलट दी और सदन की कुर्सियों को तोड़ दिया, जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा।

पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

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इस घटना के बाद कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल शुरू होने पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को वारंट जारी कर तलब किया था। सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी है।

नगर निगम की गरिमा को पहुंची थी ठेस

अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि इस घटना से न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा, बल्कि नगर निगम सदन और महापौर की गरिमा को भी ठेस पहुंची। हालांकि, बचाव पक्ष की दलीलों के आधार पर अदालत ने आरोपियों को राहत प्रदान की।

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