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सियासत

राघवेन्द्र चौबे ने मोहन भागवत के ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर किया पलटवार

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वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हाल ही में दिए गए ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। इस मुद्दे पर राघवेन्द्र चौबे, महानगर अध्यक्ष ने अपने बयान में मोहन भागवत को कठघरे में खड़ा किया है। राघवेन्द्र चौबे ने कहा, “भारत के लाखों लोगों ने अपनी शहादत देकर अंग्रेजों को खदेड़ा था, उस 15 अगस्त 1947 की आज़ादी को अगर आप आज़ादी दिवस नहीं मानेंगे तो कब मानेंगे? देश की आज़ादी में सबका योगदान था। ऐसे में अलग-अलग धर्म-जाति की बात करना सही नहीं है।”

राघवेंद्र चौबे ने यह भी कहा कि मोहन भागवत का बयान स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों के प्रति अनादर है और उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई व्यक्ति इस संघर्ष में शामिल नहीं हुआ, तो वह स्वतंत्रता के महत्व को कैसे समझ सकता है? चौबे ने कहा, “जो लोग जेलों में नहीं गए, जिन्होंने अपना परिवार नहीं खोया, जिन्होंने शहादत नहीं दी, वे इस देश की आज़ादी का मूल्य नहीं समझ सकते।”

राघवेंद्र चौबे ने आगे कहा, “देश की आज़ादी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों का कोई योगदान नहीं था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किए गए बलिदानों का इतिहास सिर्फ कांग्रेस पार्टी के पास है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने देश को आज़ादी दिलाई।”

कांग्रेस नेता ने मोहन भागवत पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके बयान के लिए उन्हें देश से स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों से माफी मांगनी चाहिए और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

कांग्रेस का आरोप:
कांग्रेस ने मोहन भागवत पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के वास्तविक नायकों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी किसी एक पार्टी या धर्म से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह भारतीय जनता की सामूहिक संघर्ष का परिणाम है।

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