बलिया
अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित हुई आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं वर्षगांठ पर गोष्ठी

शहीद पार्क में हुआ वृक्षारोपण, प्रदर्शनी में दिखी आपातकाल की अनदेखी पीड़ा
बलिया। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर नगर के अग्रवाल धर्मशाला में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने 1975 में लगे आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया और कांग्रेस पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि किस तरह इंदिरा गांधी की सरकार ने नागरिक स्वतंत्रताओं को कुचल दिया और लाखों लोगों को जेलों में डाल दिया गया।प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को देशभर में इमरजेंसी लागू कर दी गई थी, जिसमें कई निर्दोषों को गोली मार दी गई और जेलों में ठूंस दिया गया। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के मूल अधिकारों पर हमला थी, जिसे भाजपा पूरे देश में जनजागरूकता के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रही है।
उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी पार्टी में परिवार से बाहर का प्रधानमंत्री बना, तब भी असली नियंत्रण परिवार के ही पास रहा। मुख्य वक्ता पूर्व सांसद भरत सिंह ने आपातकाल की संवैधानिक प्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि यह राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा अनुच्छेद 352 के तहत लागू किया गया था।
इस दौरान चुनाव स्थगित किए गए, प्रेस पर सेंसरशिप लगाई गई और करीब एक लाख से अधिक राजनीतिक विरोधियों को जेलों में बंद कर दिया गया।राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने उन दिनों की स्मृतियां साझा करते हुए कहा कि उनके पिता चंद्रशेखर उस समय कांग्रेस में होते हुए भी आपातकाल का खुला विरोध करने वाले इकलौते नेता थे।
उन्होंने बताया कि उस दौर में भय का ऐसा माहौल था कि उनके घर तक कोई मिलने नहीं आता था और उनके पिता को करीब 19 महीने जेल में बिताने पड़े। इस अवसर पर नगर स्थित शहीद पार्क में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। साथ ही आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं को चित्रों और पोस्टरों के माध्यम से प्रदर्शित करने वाली एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री दयाशंकर मिश्र ने किया। प्रदर्शनी में आपातकाल की पीड़ादायक कहानियों को दर्शाने वाले पोस्टर लगाए गए, जिन्हें देखकर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं।कार्यक्रम में लोकतंत्र रक्षक सेनानी गोपाल सिंह, देवेंद्र त्रिपाठी, सुनील बहादुर सिंह और ऋषिराज सिंह सहित कई सेनानियों को सम्मानित किया गया। अध्यक्षता पूर्व मंत्री राजधारी सिंह ने की जबकि संचालन पूर्व महामंत्री सुरजीत सिंह परमार ने किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे जिनमें पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान, विजय बहादुर सिंह, विनोद शंकर दूबे, जयप्रकाश साहू, धर्मेंद्र सिंह, संजीव डम्पू, आलोक शुक्ला, अशोक यादव, जावेद कमर खान, नीतु पांडेय, स्वेता राय, संध्या पांडेय, अभिजीत तिवारी, डॉ. धर्मेंद्र सिंह सहित अनेक लोग शामिल रहे।