दुनिया
अमेरिका में हमले के पीछे पूर्व सैनिकों का हाथ
तीन वारदातों में 16 की मौत, कई घायल
वाशिंगटन। पूरी दुनिया में नए साल का स्वागत धूमधाम और जश्न के साथ किया गया, वहीं अमेरिका में नए साल के पहले ही दिन दहशत और भय का माहौल रहा। अमेरिका में नए साल की शुरुआत बेहद त्रासद रही, जब दो स्थानों पर हमले हुए। इन हमलों में कुल 16 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। दोनों घटनाएं न्यू ऑरलियन्स और लास वेगस में हुईं।
न्यू ऑरलियन्स में एक पिकअप ट्रक भीड़ में घुस गया, जिससे 16 लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 घायल हो गए। वहीं, लास वेगस के ट्रंप होटल के बाहर टेस्ला के ट्रक में विस्फोट हुआ, जिससे 7 लोग घायल हुए। दोनों हमलों में कई महत्वपूर्ण कॉमन पॉइंट देखे गए। आरोपियों के पूर्व सैन्य पृष्ठभूमि रही है और हमलों के लिए गाड़ियों को एक ही स्थान से किराए पर लिया गया था।
न्यू ऑरलियन्स हमले के बाद लास वेगस में भी हमला हुआ, जहां टेस्ला ट्रक में विस्फोट हुआ। लास वेगस पुलिस के अनुसार, ट्रंप होटल के पास टेस्ला ट्रक आग के हवाले हो गया, जिससे सात लोग घायल हुए। दोनों हमलों में आरोपियों के आर्मी बैकग्राउंड की जानकारी सामने आई है। न्यू ऑरलियन्स हमले में 42 वर्षीय शम्सुद्दीन जब्बार को गोली मार दी गई, जिसने अमेरिका की सेना में आईटी विशेषज्ञ के तौर पर काम किया था। वहीं, लास वेगस हमले के आरोपी 37 वर्षीय मैथ्यू एलन लिवेल्सबर्गर थे, जो अमेरिकी सेना के ग्रीन बेरेट रह चुके थे और कोलोराडो स्प्रिंग्स का निवासी था।
दोनों हमलों में गाड़ियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया। न्यू ऑरलियन्स में जब्बार ने पिकअप ट्रक और लिवेल्सबर्गर ने टेस्ला ट्रक का उपयोग किया। इसके अलावा, दोनों ने हमलों को अंजाम देने के लिए टुरो कंपनी से गाड़ी किराए पर ली थी। कंपनी ने कहा कि दोनों संदिग्धों का आपराधिक बैकग्राउंड नहीं था, इसलिए सुरक्षा में कोई बाधा नहीं मानी गई थी।
एफबीआई ने कहा कि इन दोनों हमलों के बीच अभी तक कोई स्पष्ट संबंध नहीं पाया गया है। वहीं, न्यू ऑरलियन्स हमले में आरोपित जब्बार के मामले में आईएसआईएस से संबंध सामने आए हैं। एफबीआई को जब्बार के ट्रक से आईएसआईएस का झंडा मिला है, और उसने हमले से पहले 5 वीडियो पोस्ट किए थे, जिनमें आईएसआईएस समर्थित सामग्री शामिल थी।