वाराणसी
काशी हाउसफुल: आबादी 15 लाख, बाहर से आए 12 लाख लोग

हाइवे और शहर की सड़के जाम
वाराणसी (जयदेश)। महाकुंभ के चलते वाराणसी में जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे हाईवे से लेकर शहर की सड़कों तक जाम की स्थिति बन गई। पुलिस के मुताबिक, सोमवार को करीब 12 लाख लोग बाहर से आए और 60 हजार से ज्यादा गाड़ियां शहर में दाखिल हुईं। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में वाहन और श्रद्धालु एक ही दिन में पहुंचे, जिससे पूरा शहर थम सा गया।शहर की आबादी लगभग 15 लाख है, लेकिन अचानक इतनी भीड़ बढ़ने से हालात बिगड़ गए। मुख्य मार्गों पर गाड़ियों की कतारें लगी रहीं, पैदल चलना तक मुश्किल हो गया।
स्कूल से घर लौटने में बच्चों को तीन घंटे तक लग गए। होटल और ढाबों में खाना खत्म हो गया, वहीं सीमा सील होने से कई यात्री होटल और गेस्ट हाउस में बुकिंग के बावजूद नहीं पहुंच सके। ऑटो और ई-रिक्शा भी जाम में फंसे रहे, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।यातायात पूरी तरह चरमरा गया। स्कूली बसें कई जगहों पर अटकी रहीं, जबकि प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर दिनभर वाहन रेंगते रहे। शाम 4 बजे कैथी टोल प्लाजा पर वाराणसी, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया और मऊ की गाड़ियों का प्रवेश रोक दिया गया। गाजीपुर से शहर को जोड़ने वाले रास्ते को चौबेपुर टोल प्लाजा से पहले सील कर दिया गया, जिससे वाहनों की लंबी लाइन लग गई। प्रयागराज से आने वाले वाहनों को जंसा में रोका गया।
अखरी से मोहनसराय और मिर्जामुराद तक हाईवे पूरी तरह जाम रहा। सर्विस लेन भी पैदल चलने लायक नहीं बची। हरहुआ रिंग रोड से लोहरापुर तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही। रथयात्रा-गुरुबाग मार्ग पर दो एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहीं।शहर के अंदर हालात और भी खराब थे। मैदागिन से चौक और गोदौलिया तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें थीं, जो देर रात तक बनी रहीं। रामापुरा, जंगमबाड़ी, लक्सा और लक्ष्मी कुंड इलाकों की गलियां पूरी तरह भीड़ से भरी रहीं।
लहरतारा से माधवपुर और महमूरगंज मार्ग पर भी वाहनों की कतारें लगीं। मंडुवाडीह फ्लाईओवर पर स्कूली बसें फंस गईं, जिससे बच्चों को पैदल घर लौटना पड़ा। लंका, रामनगर, सामनेघाट और टेंगरा मोड़ पर भी लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ा। चौकाघाट-लहरतारा, पांडेयपुर और ककरमत्ता फ्लाईओवर पर भी भारी दबाव रहा।
काशी विश्वनाथ मंदिर में सोम प्रदोष के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर के आसपास की गलियां पूरी तरह भर गईं। दर्शन के लिए लंबी लाइनें लगीं, वहीं दलाली का खेल भी जारी रहा। गुजरात से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि दो हजार रुपये देकर वीआईपी लाइन से आसानी से दर्शन करा दिया गया।