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जौनपुर

ठंड बढ़ने के साथ शिशुओं में निमोनिया का बढ़ा खतरा

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निमोनिया के लक्षण और बचाव के उपाय

जौनपुर। ठंड और गलन बढ़ने के कारण शिशुओं में निमोनिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, पहले जहां हर रोज 5 से 10 बच्चे निमोनिया के लक्षणों के साथ अस्पताल आ रहे थे, अब यह संख्या बढ़कर 15 से 20 हो गई है।

गंभीर समस्या बन रहा है निमोनिया
जिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप सिंह का कहना है कि बच्चों में निमोनिया एक गंभीर बीमारी है, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में दुनियाभर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की 14% मौतें निमोनिया के कारण हुई थीं। यह बच्चों के लिए सबसे खतरनाक संक्रामक बीमारियों में से एक है।

निमोनिया के लक्षण
डॉ. संदीप सिंह के अनुसार, निमोनिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

खांसी और बलगम का निकलना (हरा, पीला या खून जैसा)

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बुखार, ठंड लगना और पसीना आना

सांस लेने में तकलीफ और तेज सांस लेना

थकान और भूख में कमी

दिल की धड़कन तेज होना
कुछ मामलों में मतली, उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। सीने से आवाज आना भी निमोनिया का संकेत हो सकता है।

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बचाव के उपाय
डॉ. संदीप सिंह ने बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। इसके साथ ही निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:

1. स्वच्छता बनाए रखें और हाथों को बार-बार धोएं।

2. खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकें।

3. बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें।

4. धूम्रपान से बचें, क्योंकि यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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5. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम शामिल हो।

ठंड के मौसम में बच्चों की विशेष देखभाल करें और यदि कोई लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

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