वाराणसी
मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच हुआ संघर्ष, ग्रामीणों ने किया पथराव
वाराणसी। जनपद के रोहनिया क्षेत्र के मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच लम्बे समय से चली आ रही लड़ाई मंगलवार को संघर्ष में तब्दील हो गयी. बुलडोजर लेकर जमीनों पर कब्जा लेने भारी फोर्स के साथ पहुंची वीडिए की टीम को किसानों के जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों के विरोध पर जब पुलिस ने लाठियों के बल पर उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने जवाब में पथराव शुरू कर दिया. खेतों में दौड़ते भागते उनके परिवार की महिलाएँ और बच्चे पुलिस वालों का विरोध करने लगें . इस दौरान कई महिलाओं एवं बच्चे चोटिल हुए है।
मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर मंगलवार को किसानों एवं प्रशासन के बीच जबरदस्त तनाव पूर्ण कर साथ संघर्ष में तब्दील हो गया. जिसमें उग्र किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस द्वारा लाठियां भी भांजी गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया. जिसके बाद स्थिति बिगड़ता देख प्रशासन मौके पर और फोर्स मंगा रहा था तो दूसरी ओर ग्रामीण भी लामबंद हो रहे थे.

आपको बता दें की मोहनसराय ट्रांसपोर्ट योजना के खिलाफ क्षेत्र के कई गांवों के किसान करीब दो दशक से विरोध कर रहे हैं. इसके लिए दर्जनों बार किसान महापंचायत और बैठकें कर चुके. यहां तक कि वीडिए के अधिकारियों से कई चक्र की वार्ता हुई. लेकिन प्रशासन और किसानों के बीच समझौते का कोई रास्ता नही निकल सका. प्रशासन अपनी सोच पर कायम है और किसान अपने हक के लिए लामबंद हैं. इसके लिए किसानों ने बाकायदा मोहनसराय किसान संघर्ष समिति बना रखी है. इसके संरक्षक विनय शंकर राय की अगुवाई में यह लड़ाई लम्बे समय से लड़ी जा रही है।

किसानों का कहना है कि मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित 1194 किसानों की जमीन पर वैधानिक अधिकार पाने हेतु खतौनी पर नाम भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सेक्शन 24 की धारा 5(1) जिसमें स्पष्ट प्रावधान है कि अगर योजना 5 वर्ष में विकसित होकर के चालू नहीं होती है तो योजना निरस्त मानी जाएगी। लैंड यूज़ का भी परिवर्तन योजना निरस्त करने के बाद ही किया जा सकता है। लेकिन वीडीए ने पिछले दिनों किसानों की खतौनी से नाम हटवाकर जमीनों को अपने नाम कर लिया. ऐसी स्थिति में किसान जमीन का खतौनी में नाम वैधानिक रूप से दर्ज कराने की भी मांग कर रहे थे।

वाराणसी विकास प्राधिकरण के लैंड यूज़ परिवर्तन की बात जो पहले मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना थी उसके जगह पर आवासी योजना बनाने के निर्णय को किसानों ने एक स्वर से विरोध करते हुए निर्णय लिया था कि किसी भी सूरत पर सर्वे या किसी प्रकार का कार्य किसान नहीं होने देंगे।
