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गाजीपुर

तहसीलदार ने पट्टाधारी को दिलाया पोखरे पर कब्जा, प्रतिनिधि ने जताई आपत्ति

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सादात (गाजीपुर)। नगर पंचायत अध्यक्ष की आपत्ति के बावजूद जखनियां के तहसीलदार ने महावीर मंदिर के पास स्थित पोखरा का कब्जा मत्स्य पालन पट्टाधारी छम्मी देवी धीमर को दिला दिया। यह पोखरा वर्तमान में नगर पंचायत और आंशिक रूप से रेलवे क्षेत्र में आता है। हालांकि खतौनी में यह हरदिया ऊर्फ सिवान गांव के गाटा संख्या 31 के अंतर्गत पोखरी के रूप में दर्ज है।

हाई कोर्ट के निर्देश और उपजिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार शनिवार को थाना दिवस के मौके पर पट्टाधारी छम्मी देवी को कब्जा दिलाने पहुंचे। मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सोनू यादव ने आपत्ति जताते हुए तहसीलदार के सामने कहा कि 1971 में नगर पंचायत के गठन के समय आसपास के कई गांवों की जमीन शामिल की गई थी। गजट में स्पष्ट रूप से इन गांवों की जमीन को नगर पंचायत क्षेत्र में दर्शाया गया है, लेकिन खतौनी में अब भी इसे गांव का हिस्सा बताया जा रहा है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी रहती है।

नगर पंचायत अध्यक्ष सुमन यादव इस मुद्दे पर जिलाधिकारी को पत्र भी सौंप चुकी हैं लेकिन समाधान नहीं निकला। उनका कहना है कि हरदिया गांव का कुछ हिस्सा नगर पंचायत में शामिल है, जिसमें यह पोखरा भी शामिल है। इसके घाट और सीढ़ियां नगर पंचायत ने ही बनवाई थीं और पूर्व में इसका मत्स्य पालन पट्टा डॉ प्रहलाद यादव को दिया गया था।

खतौनी में यह हरदिया गांव क्षेत्र में दर्ज होने के कारण छम्मी देवी ने 20 सितंबर 2023 को 10 वर्ष के लिए मत्स्य पालन का पट्टा करा लिया था। कब्जा दिलाने के दौरान रेलवे अधिकारियों ने भी पोखरा में अपना हिस्सा होने का दावा किया, लेकिन तहसीलदार ने कहा कि जब पोखरा सूखेगा तब रेलवे अपना हिस्सा ले ले।

नगर पंचायत अध्यक्ष सुमन यादव ने उपजिलाधिकारी और तहसीलदार से मांग की है कि इस पोखरा को नगर पंचायत में दर्ज किया जाए और इसका आवंटन नगर के पात्र व्यक्ति को किया जाए। साथ ही, नगर पंचायत क्षेत्र को गांव की खतौनी से हटाकर नगर पंचायत का हिस्सा दर्शाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।

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