गाजीपुर
हैदरगंज में मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन, शिकायतकर्ता के खिलाफ खोला मोर्चा

गाजीपुर। मरदह ब्लॉक के हैदरगंज गांव में बुधवार को मनरेगा मजदूरों सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने शिकायतकर्ता के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायतकर्ता राजनीति से प्रेरित होकर गांव के अमृत सरोवर पोखरी के निर्माण में भ्रष्टाचार का झूठा आरोप लगा रहा है।
गांव निवासी जीऊत बंधन राम ने हाल ही में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी को शिकायती पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने अमृत सरोवर पोखरी के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इस पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जांच कराई गई, जिसमें पोखरी के सौंदर्यीकरण कार्य में तकनीकी खामियां पाई गईं। जांच में ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक, और तकनीकी सहायक को दोषी ठहराया गया। साथ ही, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी और खंड विकास अधिकारी को पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाया गया।
इस जांच के बाद गांव में तनाव फैल गया। अमृत सरोवर पोखरी में मजदूरी करने वाले सैकड़ों मजदूर समाजवादी पार्टी बाबा साहेब अम्बेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार के नेतृत्व में पोखरी के पास इकट्ठा हुए। उन्होंने घंटों नारेबाजी और प्रदर्शन किया। मजदूरों ने शिकायतकर्ता पर राजनीति से प्रेरित होकर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया।
मजदूरों ने बताया कि अमृत सरोवर पोखरी के निर्माण में उन्होंने एक महीने तक मेहनत की। उनका कहना है कि कुछ मजदूरी का भुगतान हो चुका है और कुछ बाकी है। मजदूरों ने जोर देकर कहा कि शिकायतकर्ता के आरोप निराधार हैं और पोखरी का निर्माण पूरी तरह से ठीक ढंग से किया गया है।
प्रदर्शन के दौरान ग्राम प्रधान रमायन यादव ने मजदूरों को शांत कराया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मजदूरी का बकाया जल्द ही भुगतान किया जाएगा।
गांव के कुछ मजदूरों ने बताया कि पोखरी की खुदाई पहले फोरलेन सड़क निर्माण के लिए कराई गई थी। बाद में इसे अमृत सरोवर योजना में शामिल किया गया और मजदूरों से काम करवाया गया। मजदूरों ने 11 दिन की मजदूरी प्राप्त करने की बात कही।
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की शिकायतों से विकास कार्यों में बाधा आती है। वहीं, शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों पर कायम रहने की बात कही है। मामले ने गांव में राजनीति और प्रशासनिक स्तर पर हलचल मचा दी है।