पूर्वांचल
गाजीपुर के किसानों के लिए ‘हनुमान’ बनेंगी सांसद डॉ. संगीता बलवंत
रिपोर्ट – शुभम कुमार सिंह
रामायण में जिस तरह हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी के प्राण बचाए थे। ठीक उसी तरह गाजीपुर की बिटिया डॉक्टर संगीता बलवंत जनपद में 26 सालों से बंद पड़े चीनी मिल के पुनर्स्थापना के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। यदि उनका यह प्रयास रंग लाता है तो गाजीपुर के लाखों किसानों के लिए चीनी मिल का वरदान संजीवनी बूटी से कम ना होगा।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की रहने वाली और राज्यसभा की सांसद डॉ. संगीता बलवंत इस समय फॉर्म में दिख रही हैं। कुछ दिन पहले ही अंधऊ हवाई पट्टी को फिर से शुरू करने की मांग उठाने के बाद अब उन्होंने देश के उच्च सदन में गाजीपुर के नंदगंज सिहोरी के 26 सालों से बंद पड़े चीनी मिल को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया है।
इस चीनी मिल को शुरू करने के लिए लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक के उम्मीदवारों ने वादा किया लेकिन किसी ने आज तक पूरा नहीं किया। कई बार मनोज सिन्हा ने इसके लिए पहल की तो अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इसे शुरू कराने का वादा किया। लेकिन कोई शुरू न करा सका।
अब राज्यसभा सांसद और गाजीपुर की बिटिया संगीता ने इसे शुरू करने का मुद्दा सदन में उठाया है। इस मिल के बंद होने के चलते जिले के किसानों ने गन्ने की खेती काफी कम कर दी। जबकि 1978 में इसके स्थापना के बाद गाजीपुर के किसानों ने गन्ने की खेती करके मिल की तस्वीर बदल दी थी।
प्रतिवर्ष करीब 12 लाख कुंतल गन्ने का उत्पादन था, जिससे मिल में चीनी बनाई जाती थी। इससे न केवल किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ी, बल्कि मिल शुरू होने से जिले के बेरोजगारों को रोजगार मिला। लेकिन 1997 में एक बार ये मिल जो बंद हुई तो फिर दोबारा न इस पर लगा ताला खुला और न ही जिले के गन्ना किसानों की किस्मत पर लगा ताला खुल सका।
वर्तमान समय में स्थिति ये है कि गाजीपुर में गन्ने की खेती बेहद कम हो गई है। ऐसे में दशकों से इस मिल को चालू कराने के लिए किसान एकजुट हैं। ऐसे में राज्यसभा सांसद डॉक्टर संगीता बलवंत का चीनी मिल की पुनर्स्थापना का प्रयास यदि रंग लाता है तो वह गाजीपुर के लाखों किसानों के लिए संजीवनी बूटी के समान होगा। उम्मीद है गाजीपुर की बिटिया के तौर पर वह जिले के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगी।