Connect with us

राज्य-राजधानी

Pune Bridge Collapse : मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया मुआवजे का ऐलान, प्रधानमंत्री ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

Published

on

भारी भीड़, जर्जर पुल और तेज बहाव ने ली 4 जानें, प्रशासन घिरा सवालों में

पुणे। जिले के मावल तहसील स्थित कुंडमाला गांव में 15 जून 2025 को दर्दनाक हादसा हुआ। इंद्रायणी नदी पर बना 35 साल पुराना पैदल पुल अचानक दोपहर 3:15 से 3:30 बजे के बीच ढह गया। यह हादसा उस समय हुआ जब रविवार होने के कारण पुल पर सैकड़ों पर्यटक मौजूद थे, जिनमें से कई दोपहिया वाहनों के साथ भी थे। इस हादसे के बाद सोमवार और मंगलवार को सैलानियों की संख्या एकदम शून्य दिखी।

हादसे का मुख्य कारण पुल की जर्जर स्थिति, प्रशासनिक लापरवाही और पर्यटकों द्वारा चेतावनी बोर्ड की अनदेखी बताया जा रहा है। भारी बारिश के कारण नदी का बहाव तेज था, जिससे पुल पर दबाव और बढ़ गया।

इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें तीन की पहचान चंद्रकांत साठले, रोहित माने और विहान माने के रूप में हुई है। कुल 51 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 38 का इलाज अस्पताल में जारी है और सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।

Advertisement

रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय स्वयंसेवकों ने मिलकर सात घंटे की मेहनत से 40 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला। हवाई सर्वेक्षण कर यह सुनिश्चित किया गया कि कोई लापता न रह जाए।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है और घायलों के उपचार का खर्च सरकार वहन कर रही है। हादसे की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है, जिसमें सिंचाई, लोक निर्माण, वन विभाग और पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

1990 में बना यह पुल पहले ही बंद घोषित किया जा चुका था और एक साल पहले इसे तोड़ने के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने हादसे की भयावहता को सामने लाया है और प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं।

विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे टालने योग्य त्रासदी करार देते हुए शासन की लापरवाही को मुख्य वजह बताया है, जबकि प्रशासन ने भीड़ की अति सक्रियता और निर्देशों की अनदेखी को जिम्मेदार ठहराया है।

फिलहाल कुंडमाला क्षेत्र सूना पड़ा है और पर्यटकों की आवाजाही बंद है। यह हादसा सिर्फ जानलेवा नहीं, बल्कि चेतावनी भी है कि पुराने ढांचों के रखरखाव, सुरक्षा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण को लेकर अब और लापरवाही नहीं की जा सकती। जांच समिति की रिपोर्ट से साफ होगा कि दोष किसका था, लेकिन अभी प्रशासन राहत और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa