चन्दौली
उच्च शिक्षा के विकास में सरकार की भूमिका पर शिक्षाविदों ने की चर्चा

चंदौली। पंडित कमलापति त्रिपाठी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उत्तर प्रदेश सरकार के सेवा, सुरक्षा और सुशासन के आठ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग की उपलब्धियों पर परिचर्चा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सुकृति मिश्रा ने की।
प्राचार्य डॉ. सुकृति मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के बहुआयामी विकास का मूल मंत्र है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लाई गई विभिन्न योजनाओं और उनके प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा का विकेंद्रीकरण करना और इसे सभी के लिए सुलभ बनाना है। इस नीति से न केवल शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में भी सरकारी योजनाओं का लाभ छात्रों तक पहुंचेगा।
उन्होंने कौशल विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में इस पहलू को प्रमुखता दी गई है, जिससे छात्र न केवल अकादमिक रूप से बल्कि तकनीकी रूप से भी सक्षम बन सकें।
इस अवसर पर डॉ. पवन गुप्ता ने राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं।
वहीं, अमित कुमार ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है, जिससे वे प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपनी जगह बना सकें।
परिचर्चा में डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. रविकांत भारद्वाज, विनोद कुमार, डॉ. अनुराधा पांडेय, सर्वजीत चौहान सहित अन्य शिक्षाविद् एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षाविदों ने शिक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर सकारात्मक चर्चा की और छात्रों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।