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मिर्ज़ापुर

नगरपालिका को ‘चमक-दमक पालिका’ बनाने का वादा

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कवि-सम्मेलन से गूंजा घण्टा घर प्रांगण

मिर्जापुर। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नगर के घण्टाघर प्रांगण में वर्षों बाद कवियों की गूंज सुनाई दी। कोरोना काल के बाद से बंद पड़े कवि-सम्मेलन को जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और एडीएम शिव प्रताप शुक्ल के निर्देश पर पुनः शुरू किया गया। 25 जनवरी, शनिवार की शाम कवियों और साहित्य प्रेमियों के नाम रही।

कवि-सम्मेलन को भव्य रूप देने में नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर केसरी ने विशेष रुचि ली। उनका प्रयास ऐसा था कि आयोजन राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम जैसा प्रतीत हो रहा था। अध्यक्ष केसरी समय पर कार्यक्रम में पहुंचे और कवियों के सम्मान के साथ उनकी कविताओं का आनंद लिया।

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कार्यक्रम का संचालन सैयद कासिम अली एडवोकेट ने किया। अध्यक्ष श्याम सुंदर केसरी ने कवियों के प्रति आत्मीयता प्रकट करते हुए उनकी कविताएं सुनीं। करीब चार दर्जन कवियों की प्रस्तुतियां शाम 7 बजे से रात 10:30 बजे तक चलीं। अध्यक्ष केसरी ने दो घंटे तक रचनाओं का आनंद लिया और ‘वाह-वाह’ करते रहे।

सम्मेलन में कवियों और विशिष्टजनों को गजरे और उत्तरीय पहनाकर सम्मानित किया गया। अध्यक्ष केसरी ने व्यक्तिगत रूप से सभी का सम्मान किया। इस दौरान अधिशासी अधिकारी जी लाल भी उनका सहयोग करते रहे।

नगरपालिका को ‘चमक-दमक पालिका’ बनाने का वादा
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष केसरी ने नगर की सुंदरता बढ़ाने और साहित्यिक आयोजनों को बेहतर बनाने का वादा किया। उन्होंने नगर के पार्कों और ओझला पुल की खूबसूरती को निखारने का संकल्प लिया।

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तीन घंटे से अधिक चले इस कवि-सम्मेलन का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम प्रभारी अनिल यादव के प्रयासों की अध्यक्ष केसरी ने सराहना की। अधिशासी अधिकारी जी लाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार जताया।

सम्मेलन के दौरान उपस्थित कवियों ने कार्यक्रम की भव्यता को सराहा और इसे अनोखा आयोजन बताया। उन्होंने अध्यक्ष केसरी और नगर प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसा आयोजन उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।

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