जौनपुर
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में तीन दिन से बिजली बाधित, जेनरेटर बना संजीवनी

विद्युत कर्मी निलंबित
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीते तीन दिनों से बिजली आपूर्ति बाधित रहने के कारण शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन सहित अन्य कार्य जेनरेटर की मदद से किए गए। इस दौरान कुछ छात्रों का कहना था कि यदि जेनरेटर ना होता तो फिर क्या होता ?
कुलपति प्रो. वंदना सिंह के निर्देश पर विवि के विद्युत कर्मी धीरज श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया। उन पर झूठी जानकारी देकर विद्युत विभाग को दोषी ठहराने और समस्या को भ्रमित करने का आरोप है।
इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश कुमार को शिकायत की गई थी। जांच में पाया गया कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने का कारण विवि परिसर के भीतर की खामियां थीं। विश्वविद्यालय का 33 केवीए विद्युत उपकेंद्र, जो पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम यादव के कार्यकाल में स्थापित हुआ था, अभी तक हैंडओवर नहीं हुआ है।
इस परियोजना पर अब तक 18 से 28 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जिसमें 70% भुगतान भी किया जा चुका है। लेकिन तकनीकी खामियों और प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह केंद्र पूर्ण संचालन में नहीं आ सका।
विद्युत कर्मी पर लापरवाही का आरोप, कुलपति ने दिया सख्त निर्देश
विद्युत कर्मी धीरज श्रीवास्तव ने समस्या के लिए जिला विद्युत प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, जांच में यह आरोप असत्य पाया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही और भ्रम फैलाने का मामला मानते हुए निलंबन का आदेश जारी किया।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विद्युत केंद्र को शीघ्र हैंडओवर कराने के प्रयास तेज करने की बात कही। उन्होंने कहा, “यह घटना विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार का अवसर है। भविष्य में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाएगा।”