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वाराणसी

आईएमएस बीएचयू में सर्जिकल माइक्रोस्कोप से सफल कैंसर सर्जरी

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वाराणसी। आईएमएस बीएचयू के डेंटल फैकल्टी में ओरल कैंसर से पीड़ित एक मरीज की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई, जिसमें सर्जिकल माइक्रोस्कोप का उपयोग हुआ। सर्जरी के दौरान मरीज के पैर से चमड़ी और मांस लेकर उसे मुंह और जबड़े में लगाया गया। प्रो. अखिलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में हुई इस सर्जरी में 7 डॉक्टरों की टीम शामिल थी।

सर्जिकल माइक्रोस्कोप के प्रयोग से सटीक सर्जरी

आईएमएस बीएचयू के ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में प्रो. अखिलेश कुमार सिंह के निर्देशन में यह ऑपरेशन किया गया। पहले, इस प्रकार की सर्जरी मैग्निफाइंग लूप के सहारे की जाती थी, जो समय-साध्य होती थी। सर्जिकल माइक्रोस्कोप के उपयोग से सर्जरी अधिक सटीकता से और कम समय में पूरी हो सकी। प्रो. अखिलेश के साथ IMS निदेशक प्रो. एसएन संखवार, ट्रॉमा सेंटर प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह, प्रो. राजेश मीना, और अन्य डॉक्टर इस प्रक्रिया में शामिल रहे।

डॉक्टरों के अनुसार माइक्रोस्कोपिक फ्री फ्लैप रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी से परंपरागत सर्जरी की तुलना में कई लाभ होते हैं :

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(1) माइक्रोसर्जरी अधिक सटीकता से की जाती है, जिससे चेहरे की संरचना और सौंदर्य अधिक स्वाभाविक लगता है।

(2) यह प्रक्रिया बोलने, निगलने और चेहरे की गतिशीलता में सुधार लाती है।

(3) सटीक सर्जरी से बड़े चीरों की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिससे कम निशान रह जाते हैं।

(4) फ्री फ्लैप में रक्त वाहिकाओं का प्रत्यारोपण किया जाता है, जो घाव को तेजी से भरने में मदद करता है और संक्रमण की संभावना को कम करता है।

(5) माइक्रोसर्जरी की न्यूनतम आक्रामक प्रकृति के कारण मरीजों का रिकवरी समय घटता है जिससे जल्दी डिस्चार्ज संभव होता है।

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(6) इस तकनीक में शरीर के दूसरे हिस्सों से मांस, हड्डी, और चमड़ी लेकर चेहरे के हिस्सों का पुनर्निर्माण किया जाता है जिससे चेहरे की बनावट अधिक स्वाभाविक दिखती है।

इस ऑपरेशन में प्रो. एसएन संखवार, प्रो. सौरभ सिंह, प्रो. राजेश मीना, प्रो. एचसी बरनवाला, प्रो. नरेश शर्मा और कई अन्य डॉक्टरों का सहयोग रहा। एनीस्थीसिया टीम से डॉ. अतुल समेत अन्य विशेषज्ञ भी उपस्थित रहें।

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