चन्दौली
जेएस पब्लिक स्कूल में शिक्षकों संग विद्यार्थियों ने किया योगाभ्यास

चंदौली। जेएस पब्लिक स्कूल, कासिमपुर, पांडेपुर, मुगलसराय, चंदौली में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून शनिवार को बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस योग दिवस का प्रारंभ विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के पावन चरणों में विद्यालय के संरक्षक डॉ. विधुभूषण सिंह व संरक्षिका शशिबाला सिंह द्वारा पुष्पमाला अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया। साथ ही दीप प्रज्ज्वलन मंत्र की ध्वनि के साथ हुआ। विद्यालय प्रांगण में यह सभी कार्य विधिवत संपन्न हुआ। सभी बच्चों ने अपने योग शिक्षक संजय चौहान व प्रमोद चतुर्वेदी के सानिध्य में योग के अनेक कार्यक्रम किए।
कई प्रकार के बैठकर किए जाने वाले योगासन, खड़े होकर किए जाने वाले योगासन और लेटकर, पेट के बल व पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों का भी प्रदर्शन हुआ। अंत में सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया गया, जो बहुत ही मनोरंजक व सबके लिए प्रिय रहा।
इस प्रकार से योग जीवन के लिए एक वरदान है। जीवन में योग के क्या-क्या लाभ हैं या जीवन के लिए योग कैसे वरदान है, इस पर भी सुझाव व संदेश दिए गए। इस कार्यक्रम के माध्यम से योग, आसन व प्राणायाम के अनेक कार्यक्रम करते हुए विद्यार्थियों को यह निर्देश दिया गया कि योग को अपने जीवन का अंग बनाएं और उसके लाभों को अपने जीवन में समेटें। वर्तमान समय में हर व्यक्ति जिस भागदौड़, चिंताओं एवं अवसादों में पड़ा हुआ है, उसमें केवल यही योग ही उसकी सहायक हो सकता है। इसलिए यह योग हमारे जीवन का एक अंग होना चाहिए।
स्वस्थ शरीर हो जीवन में,
गर हो योग का संधान,
सारे लक्ष्यों को पा लेगा यह इंसान।
निर्मल हो तन, पावन हो मन,
मन के वह मन के पा लेगा,
परमात्मा की आत्मा को आत्मा से मिला लेगा।
यह समस्त कार्यक्रम प्रातः काल 7:30 बजे से प्रारंभ होकर अनवरत 9:00 बजे तक चलता रहा, जिसमें विद्यालय के समस्त अध्यापकगण, समस्त कर्मचारी व अन्य स्टाफ भी सहभागी रहे। मंच का संचालन विद्यालय की छात्राओं सौम्या मुखर्जी और अंशिका सिंह द्वारा किया गया। बाद में उन बहनों द्वारा यह संचालन योग शिक्षकों को सुपुर्द किया गया और यह समस्त कार्यक्रम विद्यालय के संरक्षक डॉ. विधुभूषण सिंह व संरक्षिका शशिबाला सिंह के संरक्षण में ही संपन्न हुआ।
विद्यालय के प्रधानाचार्य व निदेशक रजनीश सिंह ने भी बच्चों को शुभाशीर्वाद दिए और बच्चों को योग के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि योग हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग होना चाहिए और इससे ही हम निरोगी रह सकते हैं। हमारी काया स्वच्छ व स्वस्थ हो सकती है, अर्थात् हेल्थ इज़ वेल्थ की भावना हमारे अंदर होनी चाहिए और यह केवल योग ही कर सकता है। सभी विद्यार्थियों को व्यवस्थित करने का पूरा दायित्व फिजिकल टीचर श्री कुलदीप सिंह जी द्वारा निभाया गया।
अध्यात्म की बुनियाद है, सुख-शांति की पहचान है।
संघर्ष की कहानियों में योग ही महान है।
तभी तो योग ही वरदान है।।
योग है ध्यान, योग है दर्शन,
करता सभी व्याधि का तर्पण।
योग शांति का मार्ग दर्शक,
योग समस्त विश्व का प्रेरक।।