वाराणसी
जर्जर भवन में काम करने को विवश कर्मचारी

वाराणसी। सदर तहसील के लेखपाल और राजस्व कर्मचारी बेहद जर्जर और खस्ताहाल भवन में काम करने को मजबूर हैं। लेखपालों के कमरे की दीवारें और छत इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि प्लास्टर उखड़-उखड़ कर गिरते रहते हैं। छत का कोई भी हिस्सा कभी भी गिर सकता है, जिससे लेखपालों और यहां आने वाले फरियादियों की जान को गंभीर खतरा है। ऐसे असुरक्षित माहौल में काम करते हुए लेखपाल खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं और डर का सामना करते हैं।
लेखपालों के लिए बनी पुरानी इमारत इतनी खराब हालत में है कि बारिश के मौसम में छत से पानी टपकता है और कमरे में सीलन फैल जाती है। कमजोर खिड़कियां और दरवाजे सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह उपयुक्त नहीं हैं, जिससे दस्तावेजों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। कई दस्तावेज बरसात के कारण खराब हो चुके हैं। एक छोटे कमरे में दस से अधिक लेखपाल बैठते हैं और कार्य के दौरान बैठने के लिए भी जगह नहीं होती, कई बार उन्हें जमीन पर बैठकर काम करना पड़ता है।

सरकार ने यूपी के 50 तहसीलों में लेखपाल डेस्क योजना लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत लेखपाल सप्ताह में दो दिन डेस्क पर बैठेंगे और उन्हें डेस्कटॉप और लैपटॉप भी दिए जाएंगे। वाराणसी की तहसीलों को इस योजना के पहले चरण में शामिल किया गया है, जिससे लेखपालों के कामकाज में सुधार की उम्मीद है।
हालांकि सदर तहसील में एसडीएम, तहसीलदार और नायब के लिए नई बिल्डिंग बन चुकी है, लेकिन लेखपालों के लिए कोई नई व्यवस्था नहीं की गई है। पुरानी बिल्डिंग को गिराकर नई इमारत बनाने का प्रस्ताव पहले ही प्रशासन द्वारा राजस्व परिषद को भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लेखपालों और राजस्व कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्य सुविधा के लिए जल्द उचित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि उनकी कार्यक्षमता प्रभावित न हो और वे सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।
वाराणसी सदर तहसील के लेखपालों की जर्जर भवन में खतरनाक स्थिति ने एक बार फिर प्रशासन की अनदेखी को उजागर किया है। सरकार को तत्काल इस समस्या का समाधान निकालकर लेखपालों के लिए बेहतर कार्यस्थल सुनिश्चित करना होगा।