अपराध
महिला ने किटी पार्टी के नाम पर की करोड़ों की ठगी

लखनऊ में एक महिला ने किटी पार्टी के नाम पर 10 महिलाओं से करोड़ों रुपये की ठगी की। महिला ने खुद को IAS अफसर की पत्नी बताकर और अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाकर महिलाओं को अपने जाल में फंसाया। उसने म्यूचुअल फंड में निवेश के नाम पर पैसे जमा किए और शुरुआत में कुछ राशि लौटाकर विश्वास जीता लेकिन धीरे-धीरे उसने बहाने बनाकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की। ठगी की रकम से उसने मर्सिडीज जैसी लग्जरी कार खरीदी और अब पैसे वापस मांगने पर महिलाओं को धमकियां दे रही है।
महिलाओं ने उसकी शिकायत दर्ज करवाई है।मामला तब सामने आया जब रश्मि ने 24 मार्च को खुर्रम नगर चौकी में महिलाओं पर चोरी का आरोप लगाते हुए शिकायत की। लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि रश्मि ही ठगी करने वाली थी। महिलाओं ने पुलिस से कहा कि रश्मि ने उन्हें लाखों रुपये दिए थे लेकिन अब वह पैसे वापस नहीं कर रही थी। पुलिस ने उसकी शिकायत खारिज कर दी और महिलाओं को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने को कहा।
महीनों तक एफआईआर नहीं दर्ज हुई तब पीड़ित महिला ने डीसीपी नॉर्थ के पास जाकर शिकायत की और 27 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज हुई।
नेहा ने बताया कि रश्मि से उसकी मुलाकात 13 साल पहले हुई थी। शुरू में रश्मि ने बच्चों की बर्थडे पार्टी में बुलाकर भरोसा जीता और फिर म्यूचुअल फंड के नाम पर पैसे ले लिए। बाद में रश्मि ने 18 लाख रुपये लिए, जिनमें से उसने पांच लाख रुपये वापस किए, लेकिन बाकी पैसे देने के लिए उसने दयाल पैराडाइस में बुलाया जहां उसे पैसे नहीं मिले।
इसके बाद रश्मि का व्यवहार बदल गया और उसने महिला को धमकियां देना शुरू कर दिया।रश्मि लखनऊ के इंदिरा नगर में एक आलीशान कोठी में रहती थी और उसकी सोशल मीडिया पर एक लग्जरी लाइफस्टाइल की छवि थी।
वह महिलाओं के बीच खुद को IAS अफसर की पत्नी बताकर पहचान बनाती थी। रश्मि की ठगी का तरीका था कि वह महिलाओं से म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने के लिए कहती और शुरू में उन्हें प्रॉफिट दिखाकर और पैसे लौटाकर उनका विश्वास जीतती। फिर उसने ब्लैंक चेक और रजिस्ट्री के कागजात ले कर पैसे मांगने का सिलसिला शुरू किया।
कुल मिलाकर रश्मि ने 10 महिलाओं से करीब 2 करोड़ रुपये की ठगी की और अब उन महिलाओं को धमकी दे रही है। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी और अपमान जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। अगर वह दोषी पाई जाती है तो उसे अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है।