वाराणसी
तीन बोरा गेहूं चुराने के मामले में दरोगा और सिपाही दोषी करार

दरोगा और सिपाही को हुई एक-एक वर्ष की सजा
वाराणसी। रेलवे मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने 30 साल पुराने एक मामले में जीआरपी के तत्कालीन प्रभारी उप निरीक्षक हरिनारायण सिंह और कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार मिश्रा को दोषी ठहराते हुए एक-एक साल की सजा सुनाई है। यह मामला 1994 में देवरिया रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से भारतीय खाद्य निगम का गेहूं चुराने से जुड़ा है। अदालत ने दोनों दोषियों पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 जुलाई 1994 की रात आरपीएफ की टीम ने हरिनारायण सिंह की निशानदेही पर उनके क्वार्टर और रेलवे प्लेटफॉर्म से भारतीय खाद्य निगम का गेहूं बरामद किया था। तीन बोरी गेहूं मालगाड़ी के वैगन से अवैध तरीके से उतार कर चोरी किया गया था।
मामले में तीसरे आरोपी कांस्टेबल रामेश्वर शुक्ला के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय बरामद गेहूं की कीमत एक हजार रुपये आंकी गई थी।