गाजीपुर
दिलदारनगर स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार, सरकारी वादों की खुली पोल

गाजीपुर। दिलदारनगर का तीन बेड वाला नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाली की भेंट चढ़ चुका है। सरकारी दावों के बावजूद इस केंद्र की हालत दयनीय बनी हुई है। डॉक्टरों के लिए बना आवास जर्जर हो गया है, शौचालयों की स्थिति भी खराब है और चारदीवारी जगह-जगह से टूटी हुई है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था तक नहीं है।
स्वास्थ्य केंद्र परिसर में लगा हैंडपंप दूषित पानी उगल रहा है, जिससे मरीज और कर्मचारियों को पास-पड़ोस से पानी लाने को मजबूर होना पड़ता है। कुछ कर्मचारी तो घर से पानी की बोतल लाकर काम चला रहे हैं। दिलदारनगर और आसपास के गांवों के लिए यह केंद्र एकमात्र सरकारी चिकित्सा सुविधा है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासियों ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग से इस केंद्र की स्थिति में सुधार की मांग की है। लोगों का कहना है कि सरकार जहां एक ओर गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा कर रही है, वहीं दिलदारनगर का यह केंद्र उन दावों को झूठा साबित कर रहा है।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. धनंजय आनंद ने बताया कि केंद्र की खस्ताहाल स्थिति की सूची बनाकर शासन को भेज दी गई है और जल्द सुधार की उम्मीद है। क्षेत्रीय जनता ने मांग की है कि इस केंद्र को 24 घंटे चालू रखा जाए और प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं सुलभ कराई जाएं।