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सैलानी सैनी ने दिव्यांगों के लिए खोला शिक्षा संस्थान

महराजगंज (आजमगढ़) (जयदेश)। एक स्थानीय निवासी सैलानी सैनी ने वकालत की पढ़ाई के दौरान समाज में दिव्यांगों की स्थिति को देखकर अपना जीवन उनके सेवा में समर्पित करने का निर्णय लिया। वकालत के साथ-साथ दिव्यांगों की दुर्दशा ने उनके दिल को छुआ और उन्होंने तय किया कि वह अपनी पूरी ऊर्जा इन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में लगायेंगे।
सैलानी की पत्नी पिंकी सैनी भी इस कार्य में उनके साथ खड़ी रहीं और दोनों ने मिलकर दिव्यांगों के लिए काम करने की योजना बनाई। 2009 में, जब सैलानी एक रिश्तेदार के घर गए थे, तो उन्होंने एक ही परिवार के चार दिव्यांगों को अपनों से उपेक्षित हालत में देखा।
इस दृश्य ने उनका दिल द्रवित कर दिया और वह यह सोचने लगे कि हमें उन लोगों के लिए कुछ करना चाहिए जो समाज से और उनके परिवारों से भी उपेक्षित होते हैं। इस विचार को अपनी पत्नी से साझा करने के बाद, दोनों ने दिव्यांगों के लिए काम करने का संकल्प लिया।
इसके लिए उन्होंने विशेष बीएड की पढ़ाई भी की और समाजसेवियों के सहयोग से दिव्यांगों के लिए एक शिक्षण संस्थान की शुरुआत की। इस संस्थान में अब करीब 35 बच्चे आते हैं, जिन्हें शैक्षणिक और व्यावसायिक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
साथ ही उनके रहने खाने और कपड़े का भी प्रबंध किया जाता है। हालांकि इस कार्य में सरकार और जनप्रतिनिधियों का कोई सहयोग अब तक नहीं मिला है। संसाधनों की कमी के बावजूद, पिंकी सैनी ने अपने परिवार की ज़िंदगी को संवारने के बजाय, इस नेक काम के लिए अपनी सारी ऊर्जा और समय समर्पित कर दिया।