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वाराणसी

शौर्य कथा में महापुरुषों का स्मरण जरूरी : आचार्य शांतनु महाराज

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वाराणसी (जयदेश)। वाराणसी में आचार्य शांतनु महाराज ने शनिवार को शिवपुर स्थित मिनी स्टेडियम में आयोजित क्षत्रिय धर्म संसद के शौर्य कथा कार्यक्रम में प्रवचन देते हुए कहा कि सफलता और सुरक्षा के लिए संगठित होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि पहले के युगों में लोग तपस्या, यज्ञ और उपासना करते थे लेकिन कलयुग में हमें अपनी संस्कृति और पहचान पर गर्व करते हुए संगठित होने की आवश्यकता है।

आचार्य ने यह भी कहा कि आत्मरक्षा में शस्त्र चलाना धर्म है और विधर्मियों के सामने नतमस्तक होना अधर्म है। हनुमान जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि हनुमान जी ने लंका में असुरों के सामने झुके बिना अपने बल और शौर्य से उनका संहार किया।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति की संगति से उसके गुण और दोष उभरकर सामने आते हैं और शौर्य जागरण के लिए महापुरुषों का स्मरण जरूरी है। इस अवसर पर कार्यक्रम में रणविजय सिंह, राहुल सिंह, डॉ. अरविंद सिंह, महापौर अशोक तिवारी सहित कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।

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