पूर्वांचल
किशोर स्वास्थ्य और स्कूल वेलनेस कार्यक्रम में शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
मऊ। शासन के निर्देशानुसार किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के लिए जनपद के सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य किशोरों को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य, तंबाकू नियंत्रण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जागरूक करना था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम किशोरों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. बी.के. यादव ने जानकारी दी कि स्कूल हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, लिंग आधारित हिंसा, पोषण, इंटरनेट/मोबाइल का सही उपयोग, लिंग भेद, धूम्रपान एवं तंबाकू निषेध, व्यक्तिगत स्वच्छता, सेनेटरी नैपकिन का उपयोग, प्रजनन स्वास्थ्य, एचआईवी, सुरक्षा, और स्वस्थ जीवनशैली जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
डीईआईसी मैनेजर अरविंद वर्मा ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर कक्षा 6 से 12 तक के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण 9 और 10 अक्टूबर को आयोजित किया गया था। इसके बाद, हर विद्यालय के दो शिक्षकों को हेल्थ एंबेसडर के रूप में चयनित कर ब्लॉक स्तर पर चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षकों ने बताया कि यह कार्यक्रम किशोर-किशोरियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। अब स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक हर सप्ताह स्वास्थ्य सत्र आयोजित करेंगे। प्रत्येक विद्यालय से कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों में से एक किशोर और एक किशोरी को हेल्थ कैप्टन और हेल्थ ब्रिगेडियर बनाया जाएगा, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग की प्रशिक्षक रश्मि पांडेय और कंचन लता ने कहा कि इस प्रशिक्षण से कई नई जानकारियां मिलीं, जो अब तक विद्यालयों में उपलब्ध नहीं थीं। इन जानकारियों को लागू कर किशोरों और उनके अभिभावकों की मानसिक, शारीरिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षकों डॉ. एस.के. पांडेय, डॉ. उम्मूल ओला, डॉ. प्रियंका गुप्ता, रामकुंवर और विष्णु विनय ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण युवाओं के स्वास्थ्य और जीवनशैली को बेहतर बनाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। प्रशिक्षित शिक्षकों पर इसे सफलतापूर्वक लागू कराने की बड़ी जिम्मेदारी है।
खंड शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम से किशोरों को बेहतर स्वास्थ्य और जीवनशैली के प्रति जागरूक करने में मदद मिलेगी, जिससे समाज के विकास में सकारात्मक योगदान होगा।