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वाराणसी

वन विभाग की अवैध वसूली से टिंबर मर्चेंट व्यवसाइयों में रोष

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वाराणसी । वन विभाग की टीम के कर्मचारियों के द्वारा शहरी तथा बाहरी इलाकों में व्यवसाय कर रहे टिंबर मर्चेंट व्यवसाईयों से सालाना रिन्यूअल फीस के अलावा मनमानी तरीके से तीन से चार गुना अवैध वसूली किए जाने के चलते टिंबर व्यवसाईयों में रोष व्याप्त है । उनका कहना है कि वन विभाग की छूट प्रजाति लूट प्रजाति बनी हुई है । रिन्यूअल फीस में अवैध वसूली के बाद वन विभाग के कर्मचारी उनके हर छोटी बड़ी गाड़ियों से भी अवैध वसूली करते हैं जिसके चलते व्यापार में बहुत नुकसान हो रहा है। एक व्यवसायी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्थानीय कार्यालय के एक सर्वेयर के इशारे पर कुछ कर्मचारी, टिंबर मर्चेंट व्यवसाईयों के यहां पहुंच कर रिन्यूअल फीस के अलावा मनमानी तरीके से तीन से चार गुना धन की अवैध वसूली करते हैं ।

व्यवसायी ने बताया कि उनके यहां बैंड सा तथा ट्राली मशीन दोनों का सालाना रिन्यूअल फीस 17 हजार रुपया तथा केवल बैंड सा मशीन का रिन्यूअल फीस 2 हजार रुपया होता है । लेकिन दोनों ही सूरत में वन विभाग के कर्मचारी उनसे 38 से 40 हजार रुपए लेकर लाइसेंस रिन्यूवल करते हैं । इसके अलावा उनकी हर छोटी बड़ी गाड़ियों पिकअप, ट्रक से आम तथा बबुल की लकड़ी चिराई पर 300 से 500 रुपये जबकि सागौन पर 50 रुपया फुट के रूप से अवैध वसूली करते हैं । इसके चलते बहुत से टिंबर व्यवसाईयों ने अपनी मशीन बंद कर दिया। व्यवसाईयों का कहना था कि लगभग डेढ़ लाख रुपये महीना के करीब खर्च की लागत मशीन चलाने की आती है । इसके बाद जो बचत होगी वह उनकी होती है । बताते चलें कि कुछ ही दिनों पूर्व तैनात एक आईएफएस अफसर को उनकी ईमानदारी का नतीजा उन्हें शासन में सचिव बनाकर दे दिया गया क्योंकि उनके रहते यहां पर कर्मचारियों की अवैध वसूली नहीं हो पा रही थी।

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