वाराणसी
वाराणसी में गंगा चेतावनी बिंदु से महज से 96 सेंटीमीटर दूर, कमिश्नर- कलेक्टर ने किया बाढ का मुआयना

वाराणसी। जिले में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का क्रम जारी है। आलम ये कि काशी के सभी घाट जलम्गन हो चुके हैं। मंदिरों में जल प्रवेश कर गया है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के चलते वरुणा में उलट प्रवाह की आशंका से तटवर्ती इलाकों में रनहे वाले खौफजदा है। उधर केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की सुबह तक गंगा का जलस्तर 69.30 मीटर पहुंच गया है। यानी गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 96 सेंटीमीटर दूर हैं।
*घाटों को जलमग्न कर मंदिरों में पहुंची मां गंगा, आरती प्रतीकात्मक*
घाटों के जलमग्न होने से अब नित्य शाम होने वाली गंगा आरती प्रतीकात्मक बन कर रह गई है। वहीं महाश्मशान मणिकर्णिंका और हरिश्चंद्र घाट पर अब गलियं और छतों पर शवदाह की नौबत आ गई है। घाट किनारे के मंदिरों तक में गंगा का जल प्रवेश कर चुका है। ऐसे में दर्शन तो दूर नियमित पूजन – भोग आरती में भी दिक्कत आ रही है। जैसे-तैसे मंदिर के पुजारी मंदिर में प्रवेश कर नियमित पूजन की प्रक्रिया निबटा रहे हैं। रत्नेश्वर महादेव का मंदिर तो पूरी तरह से गंगा में समा चुका है। वहीं दशाश्वमेध घाट से सटे शीतला घाट स्थित मां शीतला के मंदिर में भी गंगा प्रवेश कर चुकी हैं। उधर चिरईगांव विकास खंड के ढाब क्षेत्र की हालत सबसे ज्यादा खराब है। गंगा किनारे के करीब आधा दर्जन गांव पानी से घिर चुके हैं।
*दशाश्वमेध घाट का हालक्रूज का संचालन भी बंद*
गंगा में नौकाओं का संचालन पहले ही कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने बंद करा दिया था। अब क्रूज का संचालन भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। क्रूज निदेशक विकास मालवीय के मुताबिक 22 अगस्त को जल स्तर की जानकारी लेने के बाद ही ये फैसला किया जाएगा कि आगे क्या करना है।
*गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी से वरुणा में पलट प्रवाह*
गंगा के जलस्तर में बढोत्तरी के चलते वरुणा नदी में पलट प्रवाह की आशंका के मद्देनजर तटवर्ती इलाकों में रहने वालों कीबेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके चलते कोनिया, मां शैलपुत्री का इलाका, नक्खी घाट, फुलवरिया आदि इलाकों में रहने वाले तो अपना सामान समेट कर नाते-रिश्तेदारों या दोस्त मित्रों के यहां समय रहते निकले की तैयारी करने लगे हैं। वरुणा कॉरिडोर पर आवागमन बंद हो गया है।