वाराणसी
जिले में तीन चरणों में चलेगा मिशन इंद्रधनुष अभियान
पहला चरण आठ मार्च से एक सप्ताह तक चलेगा
छूटे हुये दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती का होगा टीकाकरण
उम्र के अनुसार एक भी बच्चा टीकाकरण से न छूटने पाये
सफलतापूर्वक संचालन के लिए समुदाय को मोबिलाईज़ करना बेहद जरूरी
वाराणसी। राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान के संबंध में गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने की। इस दौरान सीएमओ ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों, सहयोगी संस्थाओं को अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिये।
सीएमओ डॉ चौधरी ने शत-प्रतिशत नियमित टीकाकरण के लिए समुदाय को मोबिलाईज़ कर छूटे हुये दो वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को सत्र स्थल तक लाने और टीकाकरण कराने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होने माइक्रोप्लान के अनुसार ही अभियान को सफलतापूर्वक संचालन को लेकर ज़ोर दिया। कोविड के कारण पिछले दो वर्षों में नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीके का लाभ दिलाएँ। उन्होने निर्देशित किया कि जनपद के जिन क्षेत्रों चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी, में टीकाकरण कम हुआ है, वहाँ विशेष अभियान चलाकर छुटे हुए बच्चों एवं गर्भवती का टीकाकरण कराया जाए। टीकाकरण अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाये। गर्भवती टीडी टीका एवं उम्र के अनुसार कोई भी बच्चा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत छूटने न पाये, इस पर विशेष ध्यान दिया जाये।
*तीन चरणों में चलेगा अभियान –* जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने बताया कि अभियान के लगभग सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। सर्वे और प्रशिक्षण का कार्य पूरा किया जा चुका है। माइक्रोप्लान भी तैयार किया जा चुका है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में एमओआईसी द्वारा सत्र स्थलों को चिन्हित किया जा चुका है। उन्होने बताया कि कोविड और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के कारण जो बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित रह गये हैं उनके लिए तीन चरणों में मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान चलाया जाएगा। पहले चरण का अभियान आठ मार्च को, दूसरे चरण का अभियान चार अप्रैल को और तीसरे चरण का अभियान दो मई को शुरू होगा। यह अभियान हर बार पूरे सप्ताह चलाया जाएगा। अभियान में टीकाकरण से छूटे हुए ऐसे बच्चे जिनका जन्म 20 फरवरी 2020 के बाद हुआ है जिनकी आयु दो वर्ष से कम है व ऐसी गर्भवती जो टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) टीकाकरण से छूट गई हैं उनका टीकाकरण कराया जाएगा। उम्र के अनुसार सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाना चाहिए। अभियान के दौरान एक भी बच्चा छूटना नहीं चाहिए। उन्होने एमओआईसी को निर्देशित किया कि संबन्धित क्षेत्र में स्थित कोल्ड चेन पॉइंट को पूरी तरह से जांच लें। कोल्ड चेन पॉइंट व सत्र स्थल पर वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा के बारे में सुनिश्चित कर लें।
*समुदाय को मोबिलाईज़ करना बेहद जरूरी –* डॉ वीएस राय ने बताया कि इस अभियान के लिए समुदाय को मोबिलाईज़ करना बेहद जरूरी है जिससे वह सत्र स्थल पर आकार बच्चों को टीकाकरण करा सकें। आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समुदाय को जागरूक करें और लाभार्थियों को सत्र स्थल तक लेकर आयें। इसके लिए बुलावा पर्ची का सहारा लेकर समुदाय को जागरूक करें। टीका के फायदे व नुकसान के बारे में जागरूक करें। कोई भ्रांति हो तो उसे भी दूर करें। मोबिलाईज़ेशन के लिए निगरानी समिति, नव युवक मंगल दल, एनडीआरएफ़, एनसीसी, बीडीओ, ग्राम प्रधानों, कोटेदारों, लेखपालों आदि का भी सहयोग लें। आईएमआई अभियान के दौरान प्रमुख रूप से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, मजदूर वर्ग, ईंट भट्टे में काम करने वाले, दूर-दराज के क्षेत्रों, दो या दो से अधिक नियमित टीकाकरण सत्रों से वंचित क्षेत्रों, टीके से इनकार वाले क्षेत्रों, मलिन बस्तियों को जागरूक कर सत्र स्थल पर लेकर आयें और उनका टीकाकरण जरूर कराएं। इसके साथ ही उनका फॉलोअप जरूर करें।
*त्रिस्तरीय होगी मॉनिटरिंग –* डॉ राय ने बताया कि उक्त अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाया गया है। आईसीडीएस विभाग, जिला पंचायत राज विभाग सहित अन्य विभागों से सहयोग लिया जाएगा। अभियान की मॉनिटरिंग ग्रामीण व शहरी स्तर पर एमओआईसी द्वारा, जिला स्तर पर सीएमओ, नोडल अधिकारी व डबल्यूएचओ, यूनिसेफ द्वारा एवं राज्य स्तर पर की जाएगी। प्रतिदिन शाम को पूरे दिन की समीक्षा बैठक की जाएगी। इस दौरान कमियों को दूर किया जाएगा।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ एके मौर्या, डिप्टी सीएमओ डॉ सुरेश सिंह, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पांडे, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डिप्टी डीपीआरओ, डबल्यूएचओ से एसएमओ डॉ जयशीलन व डॉ सतरूपा, यूनिसेफ से प्रदीप विश्वकर्मा व डॉ शाहिद, समस्त एमओआईसी, एचईओ, बीसीपीएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।