गाजीपुर
विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त ने दिए सख्त निर्देश

राजस्व वसूली से लेकर जल जीवन मिशन तक मंडलायुक्त ने कसी नकेल
गाजीपुर। वाराणसी मंडल के आयुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में जनपद गाजीपुर में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड, आईजीआरएस, राजस्व और विकास कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान जिलाधिकारी अविनाश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य समेत जिले के सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। आयुक्त ने वर्चुअल माध्यम से सभी उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों से धारा-24 और धारा-34 से संबंधित लंबित वादों के निस्तारण की स्थिति की जानकारी ली और तीन माह से अधिक समय से लंबित वादों के चिन्हांकन के निर्देश दिए।
बैठक में राजस्व वसूली, अंश निर्धारण, फार्मर रजिस्ट्री, पैमाईश, ग्राम सभा हर्जाना, स्टांप देय, दाखिल-खारिज, वरासत, सीमांकन और लेखपालों की फील्ड उपस्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पांच साल से अधिक पुराने राजस्व वादों का शीघ्र समाधान किया जाए और लेखपालों द्वारा दर्ज की जा रही प्रतिदिन की रिपोर्ट का नियमित मूल्यांकन किया जाए। डीजी शक्ति योजना के अंतर्गत बचे हुए डिवाइसों को शीघ्र वितरित करने और टोल फ्री नंबर 18001212164 पर प्राप्त शिकायतों के समाधान के बाद शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लेने का भी निर्देश दिया गया।
मंडलायुक्त ने महिला कल्याण विभाग की योजनाओं जैसे विधवा पेंशन, रानी लक्ष्मीबाई बाल सेवा योजना, कन्या सुमंगला योजना और स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो और पात्र लाभार्थियों को समय से लाभ मिले। जनसुनवाई पोर्टल पर लंबित प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण और शीघ्र निस्तारण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक के उपरांत मंडलायुक्त ने निर्माणाधीन महिला छात्रावास (200 बेड) और मेडिकल कॉलेज परिसर में नर्सिंग कॉलेज का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों को तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए गए। साथ ही, कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा आने पर संबंधित अधिकारियों को तत्काल सूचित करने और टेक्निकल टीम से कार्य की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी जारी किए गए।

आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए। सभी अधिकारी फील्ड में सक्रिय रहकर कार्यों की प्रगति की निगरानी करें और टीम भावना के साथ काम करते हुए निर्धारित समयसीमा में कार्यों का निष्पादन करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्यों में लापरवाही और देरी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।