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चन्दौली

खालसा सृजन दिवस पर तीन दिवसीय बैसाखी महोत्सव सम्पन्न

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पीडीडीयू नगर (चंदौली)। सिख समुदाय व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में विगत 76 वर्षों से मनाया जा रहा तीन दिवसीय भव्य बैसाखी महोत्सव रविवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर नगर स्थित गुरुद्वारा परिसर में सुबह से ही धार्मिक गतिविधियों की शुरुआत हुई, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रातःकाल दीवान सजाया गया, जिसमें देश के विभिन्न कोनों से आए हुए प्रसिद्ध रागी व कथावाचक शामिल हुए। लुधियाना से आए कथा वाचक भाई कर्मवीर सिंह, अमृतसर से पधारे रागी जत्था भाई मनप्रीत सिंह, हजूरी रागी जत्था भाई जयपाल सिंह, गुरुघर के ग्रंथी भाई अमरजीत सिंह व भाई प्रभजोत सिंह ने अपने मधुर शबद-कीर्तन और प्रेरणादायक प्रवचनों से संगत को निहाल किया।

शबद-कीर्तन के पश्चात श्रद्धालुओं ने बड़े श्रद्धा भाव से लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। यह सेवा देर शाम तक निर्बाध रूप से चलती रही। इसी क्रम में रात्रि के समय धर्मशाला गुरुद्वारे में विशेष दीवान सजाया गया, जिसमें खालसा पंथ की ऐतिहासिक स्थापना का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया गया।

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कार्यक्रम के दौरान वर्ष 1699 ई. की उस ऐतिहासिक घटना को याद किया गया, जब गुरु गोविंद सिंह जी ने बैसाखी के अवसर पर आनंदपुर साहिब में एक सभा बुलाकर पांच सिखों से प्राणों की आहुति मांगी थी। सभा में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के बीच से पाँच साहसी सिखों ने आत्मसमर्पण किया, जिन्हें गुरु गोविंद सिंह ने अमृत पिला कर ‘पंज प्यारे’ की उपाधि दी और ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की। उन्होंने जाति, धर्म और वर्ण व्यवस्था की दीवारों को तोड़कर एक समतामूलक समाज की नींव रखी और समाज को संदेश दिया कि हर सिख पुरुष ‘सिंह’ और हर सिख स्त्री ‘कौर’ कहलाएगी।

बैसाखी पर्व, जो फसल पकने की खुशी और खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, पूरे भारत विशेषकर पंजाब में विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है। पीडीडीयू नगर में आयोजित इस कार्यक्रम में भी श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार रणजीत सिंह, गुरदीप सिंह, जनरल सेक्रेटरी सरदार महेंद्र सिंह पत्रकार, संरक्षक रामेंद्र सिंह, रणजीत सिंह, अमरीक सिंह, सतपाल सिंह शुरी, जसवीर सिंह जस्सी, गुलशन अरोड़ा, सतनाम सिंह, मनमीत सिंह, राजन, तथा ‘चढ़दी कला कलाकार सेवा संस्था’ सहित कई समाजसेवी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सभी श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन के लिए कमेटी की भूरि-भूरि प्रशंसा की और हर वर्ष इस आयोजन को और भी व्यापक स्तर पर मनाने का संकल्प लिया।

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