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मिर्ज़ापुर

न्यायिक अधिकारीगण ने किया लोक अदालत का संचालन

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आजमगढ़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा-निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ ने जनपद न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय ने की, जिसमें न्यायिक अधिकारीगण, बैंक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण और न्यायालय के कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने दीप प्रज्जवलित कर और वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोक अदालत का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक महत्वपूर्ण और प्रभावी तंत्र है जिसके माध्यम से आम आदमी को निःशुल्क और त्वरित विवाद समाधान मिल सकता है। इसमें जो निर्णय लिया जाता है, वह अंतिम होता है और उस पर किसी उच्च न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती।

लोक अदालत में निर्णय सुलह-समझौते पर आधारित होते हैं, जिससे दोनों पक्षों के बीच मतभेद समाप्त हो जाते हैं और न तो कोई हारता है और न कोई जीतता है।

कुल 113161 वादों को निस्तारण के लिए चिन्हित किया गया था, जिसमें से 95957 वादों का निस्तारण किया गया और कुल 154275339 रुपये का समझौता हुआ। इन मामलों में 81357 प्रीलिटिगेशन और 14600 दीवानी व फौजदारी मामले थे, जिनका लोक अदालत में निस्तारण किया गया। विभिन्न न्यायाधीशों और काउंसलर्स के सहयोग से 21 दम्पत्तियों का भी सुलह-समझौते के आधार पर मेल मिलाप कराया गया और उन्हें खुशी-खुशी विदा किया गया।

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इस कार्यक्रम का संचालन धनंजय कुमार मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया।

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