Connect with us

वाराणसी

समाजवादी सरकार में ही मिलेगा विश्वकर्मा समाज को अधिकार और सम्मान : रामआसरे विश्वकर्मा

Published

on

चोलापुर (वाराणसी)। जूनअखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के बैनर तले चोलापुर के कटारी स्थित दीपराज इंटर कॉलेज में आयोजित विश्वकर्मा विचार गोष्ठी में समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े सैकड़ों लोग जुटे। इस कार्यक्रम में शिल्पकार, व्यापारी, बुद्धिजीवी, ऑफिसियल वर्ग के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं।

गोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री व विश्वकर्मा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि समाजवादी सोच ही पिछड़े वर्गों को हक और सम्मान दिला सकती है। उन्होंने कहा कि नाई समाज से आने वाले कर्पूरी ठाकुर ने समाजवादी रास्ते पर चलकर बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाला और स्वयं उन्होंने भी समाजवादी पार्टी में रहते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभाई।

रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा, सोनार, प्रजापति, नाई, चौरसिया, साहू, तेली, पाल, बिंद, मौर्य जैसे अति पिछड़े समाज को केवल समाजवादी विचारधारा से ही सशक्त किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले 25 वर्षों में विश्वकर्मा समाज की उपेक्षा की है, जबकि समाजवादी सरकार ने इस समाज को न केवल प्रतिनिधित्व दिया बल्कि पहचान भी दी।

अखिलेश यादव की सरकार में इस समाज को दो बार मंत्री पद और विधान परिषद में जगह मिली, जबकि भाजपा सिर्फ चुनावी फायदे के लिए टूल किट बांट रही है।उन्होंने सवाल उठाया कि जब आज के युवाओं को डिजिटल युग से जुड़ने की ज़रूरत है तो उन्हें टूल किट क्यों दी जा रही है? क्या उन्हें लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं मिलने चाहिए?

मुलायम सिंह यादव की सरकार में शुरू की गई टूल किट योजना को अब भाजपा दोहरा रही है लेकिन मकसद सिर्फ चुनावी है, समाज की भलाई नहीं।विशिष्ट अतिथि पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा “विश्वकर्मा” ने कहा कि भाजपा सिर्फ वोट की राजनीति करती है, जबकि समाजवादी पार्टी ने विश्वकर्मा समाज को पहचान और सम्मान दोनों दिया है।

Advertisement

उन्होंने याद दिलाया कि सपा सरकार में विश्वकर्मा पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित हुआ था, जिसे भाजपा ने रद्द कर दिया।गोष्ठी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लैपटॉप योजना की भी सराहना की गई, जिसमें 16 लाख युवाओं को लैपटॉप बांटे गए थे।

वक्ताओं ने कहा कि यदि समाजवादी सरकार सत्ता में आई तो तीन महीने के भीतर पिछड़े वर्ग की जातीय जनगणना कराई जाएगी।कार्यक्रम में हरिशंकर विश्वकर्मा, राजेन्द्र शर्मा, जिउतबंधन विश्वकर्मा, छन्नूलाल विश्वकर्मा, मीरा व शीला विश्वकर्मा सहित कई प्रमुख चेहरे शामिल रहे।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa