राष्ट्रीय
ज्ञानेश कुमार होंगे नये मुख्य चुनाव आयुक्त
क्या होगी ज्ञानेश कुमार के लिये सबसे बड़ी चुनौती ?
नई दिल्ली। भारत को नया मुख्य चुनाव आयुक्त मिल गया है। सरकार ने अनुभवी आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया है। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में ज्ञानेश कुमार को नियुक्त किया गया।
इसके साथ ही हरियाणा के मुख्य सचिव रहे विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वहीं, वर्तमान चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
क्या होगी ज्ञानेश कुमार के लिये सबसे बड़ी चुनौती ?
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल बेहद अहम रहने वाला है। उनके कार्यकाल के दौरान कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे, जिनमें बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, कर्नाटक, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख राज्य शामिल हैं।
इसके अलावा 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव भी उन्हीं की देखरेख में संपन्न होंगे। साथ ही, विभिन्न राज्यों में राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव भी उनके कार्यकाल में होंगे। ऐसे में उनके सामने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
कौन हैं भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ?
ज्ञानेश कुमार, केरल कैडर के 1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। वे संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्य कर चुके हैं। गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई थी।
जब 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाया गया था, तब वे गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर डेस्क के प्रभारी थे। उन्होंने केरल में विभिन्न पदों पर भी काम किया है, जिनमें एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर और केरल राज्य सहकारी बैंक के एमडी के रूप में उनकी भूमिका शामिल है।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
ज्ञानेश कुमार की शैक्षणिक योग्यता भी बेहद प्रभावशाली है। उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक, आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। उनकी प्रशासनिक क्षमता और विशेषज्ञता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि चुनाव आयोग में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
क्या राहुल गांधी इस फैसले से असंतुष्ट हैं ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चयन समिति में इस नियुक्ति को लेकर सहमति नहीं थी। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति का विरोध किया। हालांकि, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके नाम पर मुहर लगा दी, जिससे यह नियुक्ति 2-1 के बहुमत से हुई।
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। उनके नेतृत्व में होने वाले चुनाव न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होंगे। निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस जिम्मेदारी को किस तरह निभाते हैं।