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इनामी डकैत सुशील मोची पुलिस मुठभेड़ में ढेर

डकैत सरगना सुशील मोची अहले सुबह करीब चार बजे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। जिले की पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में उसे चार से पांच गोली लगी जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। सुशील पर पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में कुल 26 मामले दर्ज थे, जिनमें अधिकांश डकैती के थे।
किशनगंज पुलिस ने उस पर पचास हजार और पूर्णिया पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।इस कार्रवाई के दौरान पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुए और दो जवानों को चोटें आईं। पुलिस को सूचना मिली थी कि सुशील मोची अपने गैंग के साथ बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा है। पुलिस ने बताए स्थान पर नाकेबंदी की जहां गैंग ने फायरिंग शुरू कर दी।
बार-बार सरेंडर करने के आह्वान के बावजूद जब फायरिंग जारी रही तो पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। मुठभेड़ के बाद सुशील को मृत पाया गया।
घटनास्थल से पुलिस ने हथियार और कारतूस बरामद किए।सुशील मोची ने 2000 में अपराध की दुनिया में कदम रखा और अपने कृत्यों से सीमांचल में दहशत का माहौल बनाया। वह पिछले 25 सालों से आतंक फैला रहा था।
तीन महीने पहले पुलिस एनकाउंटर में मारे गए डकैत बाबर का वह गुरु था। सुशील ने गैंग को फिर से संगठित किया और अपराधों को अंजाम देता रहा। उसके गांव कल्टीहा में एनकाउंटर के बाद खुशी का माहौल दिखा। गांववालों ने बताया कि बचपन से ही वह अपराधी प्रवृत्ति का था और गांव से बहिष्कृत हो चुका था।