वाराणसी
दलित उत्पीड़न और मारपीट मामले में दो महिला आरोपितों को मिली जमानत

वाराणसी। फूलपुर क्षेत्र में पुरानी रंजिश को लेकर दलित महिला के साथ की गई मारपीट और जातिसूचक गालियों के मामले में विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने दो महिला आरोपितों—मुकुना देवी और सुमेरी देवी—को राहत देते हुए 25-25 हजार रुपये की दो जमानतें तथा व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव एवं मुकेश सिंह ने पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, फूलपुर निवासी निर्मला देवी ने 8 जुलाई 2024 को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सुभाष यादव, फौजदार, हिमांशु यादव, निर्मला देवी, मुकुना देवी, सुमेरी देवी, पारा देवी, रणजीत यादव समेत उनके परिवार की अन्य महिलाएं अक्सर उनके घर आकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करती हैं और चहारदीवारी के भीतर जानबूझकर खेत की गंदगी फेंक देती हैं।
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि विरोध करने पर सभी आरोपित दलित परिवार के घर में घुसकर महिलाओं और पुरुषों को बेरहमी से पीटते हैं तथा गंभीर रूप से घायल कर देते हैं। साथ ही धमकी देते हैं कि, “तुम लोग नीच जाति के हो, यहां से भगा देंगे। गंदगी साफ करने के लिए ही बने हो। चाहे घर बना लो, ऊँची जाति के नहीं बन सकते।”
वादिनी ने इस घटना के साक्ष्य के रूप में वीडियो फुटेज भी प्रस्तुत किए। पुलिस ने सभी आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आरोप-पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया था, जिसके क्रम में अदालत ने फिलहाल मुकुना देवी और सुमेरी देवी को जमानत प्रदान की।