चन्दौली
“सत्ता पक्ष में बैठे लोग संविधान की उड़ा रहे धज्जियां” : बाबूलाल

पीडीडीयू नगर (चंदौली)। समाजवादी पार्टी कार्यालय में गुरुवार को आयोजित एक गोष्ठी के दौरान पूर्व प्रमुख बाबूलाल यादव ने सत्तारूढ़ दल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग भारतीय संविधान की मूल भावना और आरक्षण व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।
महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित इस गोष्ठी में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए उनके विचारों और संविधान की रक्षा का संकल्प लिया गया। गोष्ठी की शुरुआत बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई।
बाबूलाल यादव ने कहा कि देश के 90 प्रतिशत लोगों को मान, सम्मान और स्वाभिमान भारतीय संविधान से मिला है, लेकिन आज एक सोची-समझी साजिश के तहत संविधान को कमजोर करने और उसमें बदलाव करने का प्रयास हो रहा है, जिससे वंचित समाज आहत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश में जातिवाद और सांप्रदायिकता को लेकर लगातार वैचारिक युद्ध छेड़ा जा रहा है। नौजवान रोजगार के लिए भटक रहा है, छात्र महंगी फीस से परेशान हैं, और किसानों को न तो समय पर खाद मिल रही है, न ही कीटनाशक दवाएं।
पूर्व प्रमुख ने विशेष तौर पर बबुरी क्षेत्र की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि धान के कटोरे के रूप में चर्चित चंदौली जनपद में आज किसान पानी के लिए तरस रहे हैं। डबल इंजन की सरकार किसानों के लिए कोई सार्थक योजना लागू नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद पीडीडीयू नगर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर तो पहचान मिल गई, लेकिन विकास के नाम पर एक कौड़ी की भी मदद नहीं दी गई। अधिकारी और सत्ता पक्ष के नेता केवल अपनी सुविधाएं और सेवाएं संजोने में जुटे हैं, जनता की समस्याओं से उन्हें कोई सरोकार नहीं।
गोष्ठी में समाजवादी नेता संजय गोंड ने मुगलसराय क्षेत्र में शराब की तस्करी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह अवैध कार्य खुलेआम चल रहा है, लेकिन प्रशासन की आंखें बंद हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक संरक्षण के चलते स्थानीय लोग त्रस्त हैं।
इस कार्यक्रम में संजय गोंड, सुरेश यादव, मुन्ना सिंह, तेजबली, शिवमूरत भारती, संजय भारती, योगेंद्र यादव, संतोष भारती, अनिरुद्ध खरवार, संजय यादव, नंदन, उदय नारायण, अनिल यादव, बनवारी यादव सहित बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
यह गोष्ठी समाज के दबे-कुचले वर्गों के अधिकारों और संविधान की रक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने का एक प्रयास रही, जो आने वाले समय में जन आंदोलन का रूप ले सकती है।